
बूंदी. राजस्थान के बांरा जिले से खबर है। एक फर्जी डॉक्टर ने खांसी जुकाम से परेशान मरीज को ऐसा इंजेक्शन दिया कि मरीज ने अस्पताल में ही दम तोड़ दिया। इंजेक्शन देने के कुछ देर बार शरीर ने हरकत करना बंद कर दिया तो डॉक्टर के पसीने छूट गए। उसने शव को एक कमरे में बंद किया और बाहर से लॉक लगकार जिले में चल रही बाबा बागेश्वर धाम की कथा में चला गया। उसे लगा वहां से बचने का कोई आइडिया मिल जाएगा, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। आखिर उसे पुलिस ने अरेस्ट कर लिया। मामला राजस्थान के बूंदी जिले का है।
पंडित धीरेन्द्र शास्त्री की कथा सुनने आया था वो
दरअसल, पिछले दिनों राजस्थान के सीकर, बांरा और कुछ जिलों में बाबा बाधेश्वर धाम यानि पंडित धीरेन्द्र शास्त्री की कथाएं चल रही थीं। ऐसी ही एक कथा का आयोजन बांरा जिले में भी किया गया था। इस कथा में बूंदी जिले के इंद्रप्रस्थ थाना इलाके में रहने वाला फर्जी डॉक्टर हरिओम सैनी भी कथा सुनने आया था। दरअसल हरिओम के पास उसके क्लीनिक के नजदीक ही रहने वाला ओम प्रकाश गुर्जर इलाज के लिए आया था। उसे खांसी जुकाम की समस्या थी।
लाश क्लिनिक में बंद कर बाबा के दर्शन करने पहुंचा
इलाज के लिए आने के बाद हरिओम ने ओम प्रकाश का इलाज करना शुरू किया। उससे कहा कि तबियत ज्यादा बिगड़ सकती है, इस कारण इंजेक्शन लगाना होगा। लेकिन हरिओम ने ओम प्रकाश को गलत इंजेक्शन लगा दिया और उसकी अस्पताल में ही मौत हो गई। हरिओम को इसका पता चला तो उसने लाश को अपने क्लीनिक में लॉक कर दिया। फिर अपनी कार उठाई और कार से बांरा जिले में चल रही बाबा बागेश्वर शाम की कथा सुनने पहुंच गया।
कथा सुनने के बाद लाश को लगाया ठिकाने
वहां से कथा सुनकर लौटा और अपने दोस्त को फोन कर क्लीनिक बुलाया। उसकी मदद से ओम प्रकाश की लाश को अपनी कार में रखा और कुछ किलोमीटर दूरी पर एक सुनसान खेत में फेंक दिया। उसका फोन भी उसकी लाश के पास रख आए, उन्हें लगा बच जाएंगे। लेकिन पुलिस जांच करती करती आखिर हरिओम तक पहुंच ही गई और उसे अरेस्ट कर लिया।
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