राजस्थान में डेंगू का नया वैरियंट D-2 आ गया है। यह डेंगू से ज्यादा खतरनाक है औऱ इसमें प्लेटलेट्स दो दिन में ही तेजी से गिर जाती हैं जिससे जान का खतरा बढ़ जाता है।
जयपुर। राजस्थान में बारिश के कारण अब डेंगू का खतरा तेजी से बढ़ रहा है। जिलों के नगर निगम और लोक परिषद की ओर से समय पर फॉगिंग नहीं करा पा रहे हैं और इस कारण लोगों की जान चली जा रही है। डेंगू के कारण दस दिन में अब तक एक दर्जन से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं। डेंगू की रोकथाम में लगे स्वास्थ्य विभाग के सामने अब एक नई चुनौती सामने आ गई है।
डेंगू का नया वैरियंट खतरनाक
चिकित्सा विभाग की जांच में पता चला है कि डेंगू का नया वेरियेंट आ गया है और यह पुराने वाले से कई गुना ज्यादा खतरनाक है। इससे सिर्फ दो से तीन दिन में ही प्लेटलेट्स काफी तेजी से गिरती है और जान का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। इस नए वैरियेंट को D-2 नाम दिया गया है।
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कोटा में सबसे ज्यादा मौतें
डेंगू से इस साल सबसे ज्यादा मौतें कोटा में हुई हैं और उसके बाद जयपुर, अलवर, झुझुनूं समेत अन्य कुछ जिलों में हुई हैं। डेंगू के नए वैरियेंट D-2 नाम दिया गया है। डॉक्टर्स का कहना है कि अभी अक्टूबर के अंतिम सप्ताह तक डेंगू का खतरा बना रहेगा। इस कारण लोगों को सावधानी बरतने की जरूरत है।
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इन जिलों में इतने हैं डेंगू के मरीज
डॉक्टर्स के अनुसार इस समय प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में डेंगू से बीमार लोगों की संख्या करीब चार हजार है। जबकि इससे कहीं ज्यादा निजी अस्पतालों में भी भर्ती हैं। जयपुर में वर्ततान में करीब 750, कोटा मेें 580, अजमेर में करीब 100, अलवर में करीब 170, बाडमेर में 111, भरतपुर में करीब 100, बीकानेर में करीब 90, चित्तौड़गढ़ में करीब 60, दौसा में 150, झुंझुनूं में करीब 245, जोधपुर में 70, डूंगरपुर में 125, हनुमानगढ़ में 255, उदयपुर में 230, सीकर में 150, टोंक में 145 डेंगू के मरीज सरकारी अस्पतलाों के संपर्क में हैं।
डेंगू पीड़ित इन मरीज का इलाज अभी चल रहा है। इनमें से बड़ी संख्या में मरीज अस्पतालों में भर्ती भी हैं। इसके अलावा अन्य जिलों में भी 50-60 मरीज अस्पतालों से इलाज ले रहे हैं। ये सभी सरकारी अस्पतालों के आंकड़े हैं।