राजस्थान में एक गैंगरेप पीड़ित के साथ स्कूल प्रशासन भी अत्याचार कर रहा है। पहले तो उसे स्कूल नहीं आने का सुझाव देकर घर पर ही पढ़ाई करने की सलाह दी। लेकिन जब वह परीक्षा देने के लिए आई तो उसे एडमिट कार्ड ही नहीं दिया।
अजमेर. राजस्थान में एक कक्षा 12 वीं की छात्रा ने स्कूल प्रशासन के खिलाफ आरोप लगाया है कि उसके साथ गैंगरेप हुआ है। इस कारण उसे पहले स्कूल आने से रोका फिर उसे परीक्षा देने से भी वंचित कर दिया गया। इससे उसका साल खराब हो गया है। लेकिन इसके बावजूद जिम्मेदारों को किसी प्रकार की चिंता नहीं है। उन्होंने ये कहकर पल्ला झाड़ दिया कि उसके आने से स्कूल का माहौल खराब हो जाएगा।
गैंगरेप के कारण स्कूल आने से रोका
जानकारी के अनुसार अजमेर के एक प्राइवेट स्कूल में पढ़ने वाली छात्रा के साथ उसी के चाचा और अन्य लोगों ने मिलकर गैंगरेप किया था। जिसके बाद छात्रा स्कूल गई तो उसे यह कहकर रोक दिया कि अन्य पैरेंट्स को उसके आने पर एतराज है। उसे आने से स्कूल का माहौल खराब हो सकता है। इसलिए उसे घर पर रहकर ही पढ़ाई करने की सलाह दी।
बोर्ड परीक्षा में नहीं बैठने दिया
स्कूल स्टॉफ द्वारा समझाने पर छात्रा ने ये बात तो मान ली थी कि वह घर में रहकर पढ़ाई कर ले। लेकिन उसे क्या मालूम था कि उसका स्कूल से ही पत्ता साफ हो जाएगा। जब परीक्षा का समय आया तो वह एडमिट कार्ड लेने स्कूल पहुंची तो पता चला कि उसका नाम ही स्कूल से काट दिया है। ऐसे में उसे बोर्ड परीक्षा में बैठने से वंचित रख दिया गया। इसी के साथ यह भी कहा कि वह 4 माह से स्कूल नहीं आई है इस कारण एडमिट कार्ड नहीं दिया।
चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर पर की शिकायत
जब गैंगरेप पीड़िता के साथ स्कूल ने भी अत्याचार किया तो उसने चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करके पूरी घटना की जानकारी दी। इसके बाद बाल कल्याण आयोग ने केस दर्ज कर सीडब्ल्यूसी अध्यक्ष अंजलि शर्मा ने इस मामले में चर्चा कर एक्शन लिया। इस मामले में अंजली शर्मा ने भी कहा कि पहले स्कूल द्वारा सुझाव दिया था कि छात्रा घर पर रहकर पढ़ाई करें, इस बात पर छात्रा भी सहमत हो गई और उसने घर पर रहकर परीक्षा की तैयारी की। लेकिन जब वह परीक्षा देने के लिए एडमिट कार्ड लेने के लिए गई तो उसे पता चला कि वह स्कूल की छात्रा ही नहीं बची। क्योंकि स्कूल ने गैंगरेप की घटना के बाद से ही छात्रा के स्कूल पर प्रतिबंध लगा दिया था।
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स्कूल ने कर दिया साल खराब
इस प्रकार स्कूल ने पहले से पीड़ित छात्रा का एक साल और खराब कर दिया। जबकि छात्रा पढ़ने लिखने में होशियार थी। उसने 10 वीं में भी 79 प्रतिशत अंक हासिल किये थे।
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