
राजस्थान न्यूज। राजस्थान के राजसमंद जिले में स्थित हिंदुस्तान जिंक की खदान में बीते बुधवार रात को दर्दनाक हादसा हुआ, जिसमें जंबो ड्रिलिंग मशीन 100 फीट नीचे गिर गई और मलबे में दबकर दो मजदूरों की मौत हो गई। इस जानलेवा दुर्घटना के बाद काम करने वालों के बीच आक्रोश फैल गया है। वहीं हैरानी की बात ये है कि हादसे के काफी घंटे गुजर जाने के बाद भी शवों के पोस्टमार्टम की कार्रवाई भी शुरू नहीं हो पाई है। दूसरी तरफ मृतकों के परिवार मुआवजे की मांग कर रहे हैं।
जानकारी के अनुसार घटना रेलमगरा थाना क्षेत्र में दरीबा खान की सिंदेसर कला माइंस में हुई थी। नाइट ड्यूटी के दौरान यूपी के रहने वाले मनीष कुमार (41) और राज बहादुर सिंह (31) खदान में काम कर रहे थे। मृतक में एक हेल्पर था और दूसरा ऑपरेटर था। उनके साथ ही करीब 8 अन्य मजदूर भी अपने अपने काम में व्यस्त थे। तभी उन पर मलबा गिर गया। पुलिस मामले की जांच कर रही है और हादसे के कारणों का पता लगाने का प्रयास कर रही है।
मजदूरों ने माइंस के गेट पर जड़ दिया ताला
बता दें कि हादसे की सूचना मिलते ही घटनास्थल पर बड़ी संख्या में ग्रामीण भी जमा हो गए। मजदूरों का कहना है कि खदान में सुरक्षा मानकों का पालन नहीं किया जाता है, जिसके कारण ये हादसा हुआ है। हिंदुस्तान जिंक की ओर से श्रम विभाग के नियमों के अनुसार 25 लाख रुपये का मुआवजा देने का प्रावधान है। इसके अलावा, मृतक के परिवार के एक सदस्य को नौकरी भी दी जाती है। हालांकि मृतकों के परिवार अभी तक इस मुआवजे की राशि से संतुष्ट नहीं हैं। ग्रामीण और श्रमिक यूनियन से जुड़े मजदूरों ने आक्रोश में आकर माइंस के गेट पर ताला जड़ दिया है।
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