राजस्थान में बागी नेताओं की बाढ़, जानें भाजपा और कांग्रेस में कितने नेताओं ने छोड़ी पार्टी, किसे ज्यादा नुकसान

राजजस्थान चुनाव में टिकट नहीं मिलने से नाराज कई सीनियर नेताओं ने पार्टी छोड़ दी है। ऐसे में इन पार्टियों ने अब 'बी' टीम बना ली है। ये किसी दूसरे दल से या निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं।

 

जयपुर। इस बार राजस्थान का चुनाव और उससे पहले की प्रक्रिया हैरान करने वाली है। प्रदेश की कांग्रेस और भाजपा दोनों ही पार्टियों को अपने नेताओं के बागी होने का इतना डर सता रहा है कि उन्होंने 200 विधानसभा सीटों पर 7 से 8 बार लिस्ट निकाली ताकि हर सीट पर गुणा गणित ठीक बैठे लेकिन उसके बावजूद बागी तो बागी ही निकले। दोनों ही पार्टियों के 50 से ज्यादा नेता अपनी पार्टी छोड़कर या तो किसी दूसरे दल के साथ हो गए या निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। जानकारों का कहना है कि अगर वह निर्दलीय भी चुनाव लड़कर जीतते हैं तो फिर से पार्टी ज्वाइन करने में ज्यादा आसानी हो सकती है।

देखें कौन सी पार्टी से कौन नेता हुए बागी
सबसे पहले बात कांग्रेस की करें तो इस बार पार्टी के 25 नेता बागी हुए हैं। इन नेताओं को पार्टी ने टिकट नहीं दिया है या जो टिकट की मांग कर रहे थे। यह बागी नेता कांग्रेस छोड़कर चुनाव मैदान में  25 सीटों पर उतर चुके हैं। इनमें सरदार शहर, मसूदा, हिंडौन सिटी, बांदीकुई, मनोहर थाना, बड़ी सादड़ी, पीपलदा, कामां, डूंगरपुर, छाबड़ा, लूणकरणसर, चौरासी, नागौर, खींवसर , अजमेर दक्षिण , पुष्कर, केकड़ी , गंगापुर सिटी , शाहपुरा , सिवाना , सूरसागर , राजगढ़ लक्ष्मणगढ़ , फलोदी और सागवाड़ा जैसी सीटें शामिल हैं। 

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भाजपा में 27 बागी चुनाव मैदान में
अब भारतीय जनता पार्टी की बात करें तो यहां कांग्रेस से अधिक नेता बागी हुए हैं। भाजपा से बगावत के बाद यहां 27 सीटों पर बागी विधायकों ने नामकांन भरा है। अब वे भाजपा के खिलाफ ही चुनाव लड़ रहे हैं। इनमें डग, सांचौर, झोटवाड़ा, चित्तौड़गढ़, शिव, डीडवाना, अजमेर उत्तर, सूरतगढ़ , बाड़मेर, कामां, बयाना, लाडपुरा, खंडेला, पिलानी , झुंझुनू , सीकर , कोटपूतली, बांसवाड़ा , शाहपुरा, भीलवाड़ा, बस्सी , आसींद , गंगापुर सिटी, लक्ष्मणगढ़ , बागीदौरा, कपासन जैसी सीटें शामिल है । कई सीटों पर तो एक से ज्यादा बागी उम्मीदवार मैदान में है, वहां पर मुकाबला कडी टक्कर का है।

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