सार

छात्रनेता रविंद्र सिंह भाटी का राजनीतिक करिअर को पंख लगने ही वाले थे लेकिन भाजपा ने उड़ान भरने का मौका ही नहीं दिया। टिकट का चक्कर में 7 दिन पहले ही रविंद्र सिंह भाटी भाजपा में शामिल हुए। लेकिन अब भाजपा ने उनको टिकट ही नहीं दिया।

राजस्थान में कुछ विधानसभा सीट तो मानो जंग का मैदान बन चुकी है। पार्टियों ने टिकट बांट दिए हैं, लेकिन उसके बाद से बवाल शुरू हो गया है जो थमने का नाम नहीं ले रहा है। विरोध में सड़कों पर धरना प्रदर्शन किया जा रहा है। कई नेता ऐसे हैं जिनका करियर शुरू होने से पहले ही दांव पर लग गया है। इनमें से एक है जोधपुर जिले से छात्र नेता रविंद्र सिंह भाटी।

शिव विधानसभा सीट से टिकट मिलने की उम्मीद में थे रविंद्र
छात्र राजनीति में रविंद्र सिंह भाटी बड़ा नाम है और 7 दिन पहले ही भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और कुछ अन्य बड़े नेताओं ने उन्हें पार्टी ज्वाइन कराई थी। उनको पूरी उम्मीद थी कि जोधपुर की शिव विधानसभा सीट से उन्हें टिकट दिया जाएगा और ऐसे में पहले ही उन्होंने प्रचार की तैयारी भी शुरू कर दी थी।‌ लेकिन दो दिन पहले यह टिकट पार्टी ने दूसरे सीनियर लीडर को दे दिया। इस सीट से स्वरूप सिंह खारा को उम्मीदवार बनाया गया है।

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रविंद्र सिंह भाटी का टिकट कटने से समर्थकों में गुस्सा
रविंद्र सिंह भाटी का टिकट कटने के बाद से समर्थ गुस्से में है। शुक्रवार को भी पूरा दिन विरोध में छात्रों ने प्रदर्शन किया और शनिवार को भी टायर जलाकर विरोध जताया। रविंद्र सिंह भाटी ने कार्यकर्ताओं और अपने सीनियर साथियों की बैठक बुलाई है और उसमें निर्दलीय चुनाव लड़ने की तैयारी पर चर्चा की जा रही है। माना जा रहा है कि शिव विधानसभा सीट से ही वह निर्दलीय पर्चा भरेंगे। इससे कांग्रेस और भाजपा दोनों पार्टियों को नुकसान होना तय है। रविंद्र सिंह भाटी की ही तरह कुछ अन्य नेता भी हैं जिन्होंने पार्टी ज्वाइन की लेकिन उन्हें टिकट नहीं मिल सका।

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कई नेताओं के टिकट होल्ड पर 
जबकि ऐसे भी कुछ नेता हैं जिन्होंने पार्टी बदली थी सिर्फ टिकट के लिए लेकिन उनका टिकट होल्ड पर चला गया है। ऐसे दो नाम जयपुर शहर से हैं। दोनों कांग्रेसी नेता हैं, जिनमें पहला नाम पंडित सुरेश मिश्रा है और दूसरा नाम पूर्व मेयर ज्योति खंडेलवाल है। दोनों को भाजपा ने टिकट देने की बात की थी और इसी वादे पर भाजपा में उनका शामिल किया गया था, लेकिन अब दोनों ही नेताओं के टिकट मिलने के इंतजार में समय बिता रहे हैं।