सार
राजस्थान में चुनाव को लेकर अजब-गजब हालात देखने को मिल रहे हैं। अब अलवर में भाजपा और कांग्रेस की दो महिला नेता टिकट कटने पर समर्थकों के बीच अपने आंसू नहीं रोक पाईं और रोने लगीं।
अलवर। चुनाव के समय कुछ मुट्ठी भर नेताओं के अलावा किसी को कुछ नहीं पता होता कि उनका टिकट फाइनल है या कट गया है। कई नेता खुद का टिकट फाइनल मानकर चलते हैं लेकिन लिस्ट जारी होने पर पता चलता है कि उनका टिकट रद्द कर दिया गया है। कुछ नेता टिकट कटने पर बागी हो जाते हैं तो कुछ अपने इमोशन्स नहीं छिपा पाते और रो पड़ते हैं। इनमें महिला विधायकों की संख्या अधिक होती है।
फूट-फुट कर रोने लगीं महिला नेता
अब ऐसा ही एक मामला राजस्थान के अलवर शहर से सामने आया है। यहां एक भाजपा और एक कांग्रेस की महिला नेता अपना टिकट कटने पर कार्यकर्ताओं के बीच आंसू नहीं रोक सकी और फूट-फूट कर रो पड़ीं। इससे दोनों नेताओं के समर्थकों में भी पार्टी के प्रति नाराजगी दिखी।
शीला मीणा ने किरोड़ीलाल मीणा पर लगाया आरोप
दरअसल अलवर की राजगढ़ सीट और लक्ष्मणगढ़ सीट से उम्मीदवारी जता रहीं कांग्रेस और बीजेपी की दो महिला नेताओं का टिकट काट दिया गया है। कांग्रेस की शीला मीणा ने कहा कि उनका टिकट काटने के पीछे सांसद किरोड़ी लाल मीणा का बहुत बड़ा हाथ है। उन्होंने कहा कि हम 20 साल से मेहनत कर रहे हैं। पार्टी के नेताओं ने भी कहा कि आप मेहनत करिए टिकट आपको मिलेगा, लेकिन फिर उन्होंने धोखा दे दिया। शीला मीणा कांग्रेस पार्टी की तरफ से पहले विधायक का चुनाव लड़ चुकी हैं, हालांकि वे बहुत बुरी तरह से भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी से हारी थी।
लक्ष्मणगढ़ सीट से भाजपा से टिकट मांग रही थीं सुनीता मीणा
लक्ष्मणगढ़ सीट से भारतीय जनता पार्टी की सुनीता मीणा टिकट मांग रही थी। उन्होंने कहा कि सालों से हम पार्टी में मेहनत कर रहे हैं, सीनियर नेताओं ने कहा था कि सुनीता आपका काम बहुत अच्छा है। इसी तरह से काम को आगे बढाएं। पार्टी का टिकट आपको ही मिलेगा यह तय है। सुनीता ने कहा इसी हिसाब से हम काम कर रहे थे। हमारे साथी कार्यकर्ता जनता के बीच पहुंचकर जनसंपर्क कर रहे थे लेकिन जब लिस्ट जारी हुई तो पता चला कि नाम ही गायब है । अब कोई नेता फोन ही नहीं उठा रहे हैं और न मिलने को तैयार हैं।
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सुनीता मीणा ने कहा कि पार्टी ने ऐसे कैंडिडेट को टिकट दे दिया है जो युवाओं का जीवन खराब करने की तैयारी कर रहा है, क्षेत्र का विकास करने की बात तो दूर की है। इस तरह के और भी मामले राजस्थान के कुछ शहरों से सामने आए हैं।