200 विधानसभा वाले राजस्थान में 25 नवंबर को मतदान होगा। सभी पार्टियों ने टिकट फाइनल कर दिया है और नामांकन भी भर गया है। कांग्रेस ने इस बार ऐसे नेताओं को टिकट दिया है जिन्होंने पांच घंटे पहले पार्टी ज्वाइन की थी।
जयपुर. कहते हैं की राजनीति, प्यार और जंग में सब कुछ जायज होता है। कब क्या हो जाए कुछ पता नहीं चलता। ऐसा ही कुछ राजस्थान की राजनीति में हो रहा है। जहां पर सालों से पार्टी के लिए दिन-रात काम कर रहे कार्यकर्ताओं को तो टिकट नहीं मिलता है लेकिन जिन्होंने पार्टी को कुछ घंटे पहले ही ज्वाइन किया उन्हें पार्टी विधानसभा का टिकट दे देती है।
5 घंटे पहले वाले नेता कांग्रेस में एक नहीं कई...
राजस्थान में कांग्रेस पार्टी ने अपनी अंतिम सूची में कर्नल सोनाराम, प्रशांत परमार और मनीषा गुर्जर को टिकट दिया। जिन्होंने टिकट मिलने के 5 घंटे पहले ही कांग्रेस पार्टी को ज्वाइन किया। हालांकि तीनों ही नेता लगातार पार्टी बदलते रहते हैं लेकिन इसके बावजूद भी कांग्रेस पार्टी ने टिकट वितरण में इन्हें तवज्जो दिया है। ऐसे में अब देखना होगा कि आखिरकार यह चुनावी मैदान में विरोधी को कितनी टक्कर दे पाते हैं।
बीजेपी ने एक को भी नहीं दिया ऐसा टिकट
जबकि भाजपा में भी कुछ ऐसा हुआ लेकिन वहां पार्टी में शामिल होने के बाद एक युवक नेता के लिए परिस्थितियों ही बिल्कुल विपरीत हो गई। दरअसल आपको बता दे कि विधानसभा चुनाव की लिस्ट जारी होने के पहले छात्र नेता रविंद्र सिंह भाटी ने भारतीय जनता पार्टी को ज्वाइन किया था। ऐसे में कयास लगाए जा रहे थे कि उन्हें बाड़मेर जिले की शिव विधानसभा सीट से टिकट मिलेगा लेकिन पार्टी ने उनका टिकट काट दिया। जो अब निर्दलीय मैदान में है।
क्यों ऐसे नेताओं को दिया गया है टिकट
राजनीतिक जानकारी की माने तो पार्टी का ऐसे लोगों को टिकट देने के पीछे मकसद होता है कि या तो वह नेता उस इलाके में अपना वर्चस्व कायम रखता हूं या फिर वह किसी दूसरी पार्टी से उस इलाके में चुनाव लड़ चुका हो लेकिन मौजूदा समय में पार्टी ने उसे टिकट नहीं दिया हो।