
jaguar plane crash in churu : राजस्थान के एक इलाके में भारतीय वायुसेना का एक जैगवार (Jaguar) फाइटर जेट क्रैश हो गया। हादसे में पायलट सुरक्षित बाहर निकल आए, जिससे एक बड़ी जान-माल की क्षति टल गई। इस घटना ने एक बार फिर जैगवार जैसे लड़ाकू विमानों को लेकर चर्चा तेज कर दी है। आखिर क्या है इस एयरक्राफ्ट की खासियत, किस काम में आता है और इसकी कीमत कितनी है? आइए जानते हैं।
जैगवार एक दो-इंजन वाला ग्राउंड अटैक एयरक्राफ्ट है, जिसे भारत ने ब्रिटेन और फ्रांस की कंपनियों से 1979 में शामिल किया था। यह मुख्य रूप से डीप पेनिट्रेशन स्ट्राइक मिशन के लिए इस्तेमाल होता है। यानी यह दुश्मन की सीमा में घुसकर हमला करने में सक्षम है।
जैगवार की अधिकतम गति 1,350 किमी/घंटा है। यह लो-एल्टिट्यूड पर उड़ने की क्षमता रखता है, जिससे यह दुश्मन की रडार से बच सकता है। इसमें लेजर गाइडेड बम, क्लस्टर बम, एयर टू सरफेस मिसाइल आदि ले जाने की क्षमता है। यह हर मौसम में ऑपरेशन में सक्षम है।
भारतीय वायुसेना जैगवार का उपयोग मुख्य रूप से ग्राउंड टारगेट्स पर हमला करने, दुश्मन की रडार प्रणाली को निशाना बनाने और सीमा पार स्ट्राइक मिशन के लिए करती है। करगिल युद्ध में भी जैगवार ने अहम भूमिका निभाई थी।
हालांकि जैगवार की खरीदी अब बंद हो चुकी है और इसका उत्पादन भी रुक चुका है, लेकिन एक अनुमान के मुताबिक, इसका प्रति यूनिट मूल्य 200 से 250 करोड़ रुपये के आसपास होता है। भारत के पास अब भी करीब 100 के आसपास जैगवार विमान सक्रिय सेवा में हैं।
एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अप्रैल 2025 तक भारत के पास कुल 115 जगुआरजेट हैं, जिनका संचालन भारतीय वायुसेना करती है। यह जगुआर 1979 और 2008 के बीच शामिल किए गए हैं।
राजस्थन के चुरू में क्रैश हुआ विमान चिंता का विषय जरूर है, लेकिन भारतीय वायुसेना ने समय रहते स्थिति को संभाल लिया। जैगवार जैसे एयरक्राफ्ट आज भी रणनीतिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण हैं।
राजस्थान की राजनीति, बजट निर्णयों, पर्यटन, शिक्षा-रोजगार और मौसम से जुड़ी सबसे जरूरी खबरें पढ़ें। जयपुर से लेकर जोधपुर और उदयपुर तक की ज़मीनी रिपोर्ट्स और ताज़ा अपडेट्स पाने के लिए Rajasthan News in Hindi सेक्शन फॉलो करें — तेज़ और विश्वसनीय राज्य समाचार सिर्फ Asianet News Hindi पर।