चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशी प्रचार-प्रसार में करोड़ों रुपए खर्च कर देते हैं। लेकिन इलेक्शन कमीशन को कम हिसाब देते हैं। राजस्थान में एक नेताजी ने अपने कार्यकर्ताओं को 8 लाख की तो कचौरी ही अकेले खिला दी हैं। जो चर्चा का विषय बना हुआ है।
जयपुर. राजस्थान में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान हो चुका है। अब सबकी निगाहें 3 दिसंबर यानि मतगणना की तारीख पर टिकी है। अब मतदान होने के बाद राजस्थान की राजधानी जयपुर से चुनाव लड़ रहे प्रत्याशियों ने अपने - अपने चुनाव खर्च का ब्यौरा दिया है। किसी ने लाखों रुपए रैलियों पर तो किसी ने लाखों रुपए अपने कार्यकर्ताओं को खाना खिलाने में खर्च कर दिए। ऐसे में आज बात चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों के खर्च की...
8 लाख रुपए की चाय-कचौरी खिला दी
बात करें यदि किशनपोल विधानसभा की तो यहां से कांग्रेस के प्रत्याशी पुष्पेंद्र भारद्वाज ने 20.49 लाख रुपए खर्च किए है। जिसमे 8 लाख रुपए चाय - कचौरी के सबसे ज्यादा खर्च किए हैं। जबकि इसी सीट पर भाजपा के भजनलाल ने 26 लाख रुपए खर्च किए हैं। इन्होंने भी अपने कार्यकर्ताओं को 8 लाख रुपए की चाय-कचौरी खिला दी।
चुनाव लड़ने के लिए करोड़ों रुपए खर्च
आपको बता दें कि भले ही नेता निर्वाचन विभाग को यह ब्यौरा देते हो लेकिन चुनाव लड़ने के लिए करोड़ों रुपए खर्च होते हैं। नामांकन दाखिल होने के बाद से लेकर नेताओं को अलग-अलग इलाकों में कार्यालय खोलने पड़ते हैं। इसके अलावा रैलियों में आने वाली गाड़ियों के पेट्रोल - डीजल के खर्च और किराया समेत कई खर्च करना पड़ता है।