इजरायल और हमास के बीच जंग जारी है। हमास के आंतिकयों ने महिलाओं के साथ जो हैवानियत की वह रोंगटे खड़े कर देने वाली है। राजस्थान ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह के प्रमुख हजरत दीवान सैयद जैनुल आबेदीन ने कहा कि कोई भी धर्म मार-काट नहीं सिखाता।
जयपुर. इजराइल और हमास के बीच चल रही युद्ध का आज आठवां दिन है। बीते 7 दिनों में अब तक 1300 लोगों की जान जा चुकी है जबकि 3000 से ज्यादा लोग घायल हैं। इसी बीच राजस्थान में ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह के आध्यात्मिक प्रमुख हजरत दीवान सैयद जैनुल आबेदीन ने दोनों पक्षों से युद्ध रोकने की अपील की है...
इजराइल-हमास युद्ध में करीब 1300 लोगों की मौत
सैयद जैनुल आबेदीन ने कहा है कि संयुक्त राष्ट्र और केंद्र सरकार अब इजरायल हमास जंग के बीच हस्तक्षेप करें। क्योंकि हमास समूह द्वारा किए गए आत्मघाती हमले में अब तक 1300 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं। जिनमें दर्जनों ऐसे मासूम भी शामिल है जिनकी उम्र 10 साल से भी कम है। गाजा में चल रही जवाबी कार्रवाई के मध्य नजर दोनों पक्षों की जान जाने पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए आबेदीन ने कहा कि इस तरह की हत्याएं अनुचित थी और इस्लाम या फिर यहूदी धर्म के देश के अनुरूप नहीं है।
इस्लाम ऐसा नरसंहार नहीं सिखाता...
आबेदीन ने कहा कि मैं दोनों पक्ष से हाथ जोड़कर अपील करता हूं कि वह तुरंत अपने-अपने धर्म और मानवता की खातिर इस तरह की नरसंहार को रोके। निर्दोष लोगों की जान लेने और अनुचित नुकसान पहुंचाना बेहद निंदनीय है। यह यहूदी और इस्लाम दोनों की शिक्षाओं के खिलाफ है। धर्म चाहे कोई सा भी हो किसी भी रूप में हिंसा से घृणा करनी चाहिए। निर्दोष लोगों की जान की रक्षा के लिए यह युद्ध बंद होना चाहिए। यह युद्ध का युग नहीं है, हर मसले का हल केवल बातचीत है।
बंदूक की नोक पर खत्म करना-पापा है...
आबेदीन ने कहा कि एक मुस्लिम होने के नाते मैं फिलिस्तानी लोगों के वैध अधिकारों के साथ खड़ा हूं लेकिन उन लोगों के साथ नहीं जो अपने हाथों में बंदूक लेते हो और निर्दोष लोगों को मारते हो। समुदाय को तुरंत हस्तक्षेप करना चाहिए और जमीन पर शांति बनाए रखनी चाहिए।
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