राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार में वॉटर सप्लाई मिनिस्टर महेश जोशी पर प्रताड़ना का गंभीर आरोप लगाकर सुसाइड करने वाले शख्स के मामले में एक आरोपी पर एक्शन लिया गया है। सीएम गहलोत के निर्देश पर आरोपी के होटल को ढहा दिया गया।
जयपुर. राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार में वॉटर सप्लाई मिनिस्टर महेश जोशी पर प्रताड़ना का गंभीर आरोप लगाकर सुसाइड करने वाले शख्स के मामले में एक आरोपी पर एक्शन लिया गया है। सीएम गहलाेत के निर्देश पर निगम अधिकारियों ने राम प्रसाद के 650 गज पर बने होटल को ढहा दिया। यह कार्रवाई बुधवार सुबह 5 बजे की गई।
सोमवार(17 अप्रैल) देर रात मंत्री महेश जोशी समेत 7 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया था। एफआईआर मृतक राम प्रसाद मीणा (43) के भाई महावीर मीणा ने कराई थी। डीसीपी नॉर्थ शशि डोगरा ने इसकी पुष्टि की थी।
मामला जयपुर के सुभाष चौक इलाके का है। मरने वाले शख्स के परिजन प्रशासन से इतने आक्रोशित थे कि उन्होंने सुसाइड वाले कमरे में ताला लगा दिया और पुलिस तक को घंटों अंदर नहीं जाने दिया। राम प्रसाद (43) चांदी की टकसाल काले हनुमान मंदिर के पास रहता था। परिजनों का आरोप है कि उनकी घर से ही 200 मीटर दूर पर जमीन है। जमीन को लेकर कुछ लोग विवाद खड़ा कर रहे हैं। सोमवार को राम प्रसाद घर से जल्द निकल गया था। बाद में उसने सुसाइड कर ली थी।
मंत्री महेश जोशी की गिरफ्तारी पर अड़े परिजन
शुरुआती जांच में सामने आया है कि एक आरोपी देवेन्द्र शर्मा के निर्माणाधीन होटल के पास ही रामप्रसाद की जमीन है। होटल का निर्माण अवैध तरीके से हो रहा था। नगर निगम अधिकारियों पर आरोप है कि उन्होंने होटल तो बनने दिया, लेकिन मृतक के घर को नहीं बनने दे रहे थे।
इस मामले को लेकर राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा भी धरन स्थल पर बैठे थे। मृतक राम प्रसाद मीणा के परिवार ने मुख्यमंत्री को एक मांग पत्र भेजा है। इसमें नामजद आरोपी मंत्री महेश जोशी सहित बाकी के आरोपियों की गिरफ्तारी पर जोर दिया गया है।
इसके अलावा जुनैद एवं नासिर के परिवार की तर्ज पर पीड़ित परिवार को एक करोड़ रुपए की मुआवजा मांगी गई है। पीड़ित परिवार ने किसी एक सदस्य को सरकारी नौकरी देंने, पीड़ित परिवार के मकान के पास में स्थित अवैध निर्माण (शेरेटन होटल) को 24 घंटे में तोड़े जाने(जो अब तोड़ दिया गया) जाने की मांग उठाई है।
अन्य मांगों में गिरधारी मंदिर को अतिक्रमण मुक्त करने, दोषी पुलिस कर्मियों व नगर निगम कर्मियों को निलम्बित करने और इनके विरूद्ध कानूनी कार्रवाई किया जाना शामिल है।
इसके अलावा पीड़ित परिवार को सरकार द्वारा प्रधानमंत्री आवासीय योजना के तहत एक मकान दिलवाने, चाय की दुकान का रजिस्ट्रेशन या डेयरी बूथ आंवटन करवाने सहित बच्चों के शिक्षा की व्यवस्था का भी प्रबंध करने की मांग उठाई गई है।
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