लालटेन से ढूंढो सरकार कहां है...12 दिन बाद सरकार के मंत्री का आया बुलावा, क्या अब सांसद का धरना होगा समाप्त
जयपुर (jaipur). सांसद किरोडी लाल मीणा फिर से चर्चा में हैं। आज 12 दिन हो चुके हैं उनके धरने और प्रदर्शन को। 12 दिन से लगातार वे जयपुर के ट्रांसपोर्ट नगर इलाके के बाहर आगरा रोड पर धरने पर बैठे हैं। आखिर आज सरकार ने उन्हें बातचीत के लिए बुलाया है।
आरपीएससी पेपर लीक मामले में पिछले 12 दिन से सड़कों पर धरने दे रहे हैं सांसद किरोडी लाल मीणा और मौजूदा सरकार द्वारा चर्चा नहीं करने आने पर आज के दिन जयपुर में अनूठा प्रदर्शन करते हुए नजर आए। जो कि सोशल मीडिया में वायरल हो गया।
सांसद मीणा की पहले तो गृह राज्यमंत्री से 3:00 बजे वार्ता रही। उसके बाद करीब 5:00 बजे जयपुर पुलिस कमिश्नरेट में जयपुर पुलिस कमिश्नर आनंद श्रीवास्तव और सांसद किरोड़ी लाल के बीच चर्चा हुई। इससे पहले आज सांसद ने पुलिस के नाक में दम कर दिया।
दरअसल आगरा रोड पर जिस जगह सांसद किरोड़ी लाल मीणा अपने समर्थकों के साथ बैठे हैं , वहां नजदीक ही ट्रांसपोर्ट नगर टनल है । इस टनल में पैदल चलने वाले और दुपहिया वाहन चालक पूरी तरह से बैन है, लेकिन सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने इस टनल में अपने समर्थकों के साथ जमकर माहौल बना दिया।
वह ई रिक्शा में बैठे रहे और उनके समर्थक भयंकर नारेबाजी करते रहे। इससे अचानक माहौल खराब हो गया। हालांकि इसकी सूचना जैसे ही पुलिस को मिली पुलिस कमिश्नर आनंद श्रीवास्तव खुद मौके पर आ गए।
दरअसल 12:00 बजे आनंद श्रीवास्तव और सांसद किरोडी लाल मीणा के बीच में चर्चा होने का समय तय था , लेकिन 12:00 बजे पहले ही सांसद ने तगड़ा माहौल बना दिया। उसके बाद यह चर्चा शाम को 5:00 बजे के लिए रखी गई ।
इस घटनाक्रम के कुछ देर बाद ही ट्रांसपोर्ट नगर इलाके में सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने नया प्रयोग किया। इस बार उन्होंने हाथ में मोमबत्ती और लालटेन लेकर सरकार को ढूंढने का अभिनय किया। लगातार नारेबाजी होती रही और उनके समर्थन में आए हुए सैकड़ों बेरोजगार छात्र और अन्य लोग नारेबाजी करते रहे।
आज सांसद किरोड़ी लाल मीणा और गृह राज्य मंत्री राजेंद्र यादव के बीच वार्ता हुई। इस वार्ता के कुछ देर बाद पुलिस कमिश्नरेट में कमिश्नर आनंद श्रीवास्तव से भी सांसद ने चर्चा की।
सांसद किरोडी लाल मीणा पेपर लीक मामले की जांच सीबीआई से कराने पर अड़े हुए हैं । वह जरा भी टस से मस नहीं हो रहे हैं । जबकि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत इस पूरे घटनाक्रम की जांच सीबीआई से नहीं कराने पर अड़े हुए हैं। अब मूंछ की इस लड़ाई में जीत किसकी होगी यह आने वाला वक्त ही बताएगा....।