जयपुर में BJP के सबसे बड़े प्रदर्शन में क्यों नहीं दिखे वसुंधरा राजे और सतीश पूनिया, क्या भाजपा में पड़ चुकी है फूट

Published : Jun 13, 2023, 07:44 PM IST
vasundhara raje and satish poonia

सार

राजस्थान में विधानसभा चुनाव 2023 के पहले कांग्रेस सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार मामले में भाजपा ने मंगलवार के दिन महा जनघेराव करते हुए प्रदर्शन किया। हालांकि इस दौरान पार्टी के दिग्गज नेता पूर्व सीएम राजे और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष पूनिया नजर नहीं आए।

जयपुर ( jaipur news). राजस्थान में विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस दोनों ही पार्टियां एक्टिव होने लगी हैं, दोनों ही पार्टियों ने एक दूसरे के खिलाफ धरने प्रदर्शन शुरू कर दिए हैं। इसी क्रम में आज भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस सरकार के खिलाफ जयपुर में बड़ा प्रदर्शन किया, जिसमें करीब 30 से ज्यादा बड़े नेता मौजूद रहे, लेकिन भारतीय जनता पार्टी के इन 30 बड़े नेताओं में कई दिग्गज नेता गायब रहे जो चर्चा का विषय बना रहा।

भाजपा के प्रदर्शन में नहीं दिखे पूर्व सीएम राजे और पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया

दरअसल भारतीय जनता पार्टी ने आज कांग्रेस सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार और कांग्रेस सरकार की नीतियों पर प्रदर्शन किया था। इस प्रदर्शन को भारतीय जनता पार्टी में नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौर, सांसद किरोडी लाल मीणा और भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी लीड कर रहे थे। इस प्रदर्शन में रामलाल शर्मा, अशोक लाहोटी, अशोक परनामी समेत अन्य कई दिग्गज नेता मौजूद थे, लेकिन ना तो वसुंधरा राजे प्रदर्शन में दिखाई दी और ना ही पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ही नजर आए। उन दोनों की गैरमौजूदगी के कारण कार्यकर्ताओं की संख्या भी अपेक्षाकृत कम रही।

जानिए क्यों नहीं दिखाई दिए राजस्थान के ये दोनों नेता

वसुंधरा राजे का प्रदर्शन में नहीं पहुंचने का कारण है कि आलाकमान ने झारखंड भेजा हुआ है। झारखंड राज्य में वसुंधरा राजे भारतीय जनता पार्टी के कई कार्यक्रमों में भाग ले रही हैं। वहीं सतीश पूनिया को उत्तर प्रदेश भेजा गया है, वहां पर वह पार्टी से संबंधित कार्यक्रमों में जुटे हुए हैं। दोनों ही नेताओं को आलाकमान ने बड़ी जिम्मेदारियां सौंप रखी है। दोनों ही नेता अगले सप्ताह तक वापस राजस्थान पहुंच जाएंगे।

दोनों नेताओं की गैर मौजूदगी से कम मिला जनसहयोग

इस बीच आज जो धरना प्रदर्शन रखा गया वह इसलिए भी चर्चा में रहा क्योंकि पार्टी के कई दिग्गज नेताओं का कहना था जब वसुंधरा राजे और सतीश पुनिया मौजूद नहीं थे तो ऐसी स्थिति में इतना बड़ा आंदोलन किया धरना प्रदर्शन करना उचित नहीं था। अब इस आंदोलन और प्रदर्शन के बाद पार्टी दो धड़ों में बटती हुई नजर आ रही है। पार्टी के कई कार्यकर्ता भी यह कहते हुए नजर आए कि अगर पूर्व सीएम वसुंधरा राजे मौजूद होती तो भीड़ और कार्यकर्ताओं की संख्या ज्यादा होती।

उल्लेखनीय है कि पहले भी कई बार सांसद किरोड़ी लाल मीणा और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे अक्सर बड़े आयोजनों में साथ नजर नहीं आते। राजस्थान में आलाकमान ने भारतीय जनता पार्टी में मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित नहीं किया है, ऐसे में सभी बड़े नेता अपना अपना दांव लगा रहे हैं और ज्यादा से ज्यादा भीड़ जमा कर आलाकमान के सामने अपनी उपयोगिता दिखाने की कोशिश में जुटे हुए हैं।

इसे भी पढ़ें- राजस्थान सरकार के खिलाफ BJP का उग्र प्रदर्शन: भ्रष्टाचार जैसे कई मुद्दों को लेकर किया महा जनघेराव

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