केंद्र सरकार ने बजट में राजस्थान को दी यह अनोखी सौगात, पूरे देश में गूंजेगा अब प्रदेश का नाम, पढ़िए पूरी खबर

केंद्र सरकार ने बजट घोषित कर दिया है और प्रधानमंत्री ने इस बजट पर मुहर लगा दी है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण के दौरान राज्यों के लिए अलग से ज्यादा बड़ी घोषणा नहीं की है।लेकिन मोटे अनाज के लिए जो बोला गया है उसमें राजस्थान का नाम ऊपर है।

Sanjay Chaturvedi | Published : Feb 1, 2023 11:33 AM IST

 

जयपुर (jaipur). केंद्र सरकार ने बजट घोषित कर दिया है और प्रधानमंत्री ने इस बजट पर मुहर लगा दी है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण के दौरान राज्यों के लिए अलग से ज्यादा बड़ी घोषणा नहीं की है। उन्होंने संयुक्त रूप से ही बजट घोषित किया है। लेकिन इस बजट में मोटे अनाज को लेकर सरकार ने कई प्लानिंग की है और इस प्लानिंग में सबसे ऊपर नाम राजस्थान का शामिल है।

मोटे अनाज की खपत बढ़ाने की कही बात

दरअसल मोटे अनाज को लेकर सरकार बड़ी योजनाएं बनाने की तैयारी कर रही है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का कहना है कि मोटे अनाज की खपत और उत्पादन को बढ़ाया जाएगा और पूरे देश में देखा जाएगा कि इसकी सप्लाई चैन सही है या नहीं। दरअसल मोटे अनाज को कुछ समय से स्वास्थ्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण और ताकतवर माना जा रहा है। यही कारण है कि विदेशों से आने वाले मेहमानों के सामने भी मोटे अनाज से बने हुए व्यंजन परोसे जा रहे हैं।

मोटे अनाज उत्पादन में अव्वल है प्रदेश

मोटे अनाज में कुछ महत्वपूर्ण अनाज हैं उनमें सबसे ऊपर बाजरे का नाम है। बाजरे के अलावा जवार , रागी और कोदो भी मोटे अनाज के रूप में पहचाना जाता है। राजस्थान के अलावा उत्तर, प्रदेश मध्य प्रदेश, कर्नाटक समेत पांच से छह बड़े राज्यों में मोटे अनाज का उत्पादन किया जाता है। सबसे ज्यादा उत्पादन बाजरे का किया जाता है और बाजरे का सबसे ज्यादा उत्पादन राजस्थान में होता है। यानी राजस्थान के लिए भविष्य की प्रबल संभावनाएं हैं।

अन्न श्री योजना दिया गया नाम

केंद्र सरकार ने इस योजना को श्री अन्य योजना नाम दिया है। कहा जा रहा है कि मोटे अनाज को लेकर सरकार भविष्य की कई योजनाएं बना रही है। मोटा अनाज हेल्थ की दृष्टि से तो महत्वपूर्ण है ही साथ में इसके अन्य उपयोग भी करने की तैयारी की जा रही है। राजस्थान में बहुतायत में बाजरे की खेती की जाती है। ग्रामीण परिवेश में 12 महीने के दौरान 6 से 7 महीने तक तो बाजरे का अनाज ही काम में लिया जाता है। मोटे अनाज को हाल ही में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी पहचान मिली है।

कई बीमारियों में लाभकारी है मोटा अनाज

मोटे अनाज को मिलेट के नाम से जाना जाता है। इसे डायबिटीज, ब्लड प्रेशर और अन्य गंभीर रोग भगाने वाला अनाज भी कहा जाता है। राजस्थान को वैसे तो केंद्र सरकार ने कुछ बड़ा नहीं दिया लेकिन मोटे अनाज के बारे में सरकार ने जो घोषणाएं की है उससे राजस्थान के किसानों को भविष्य में जरूर फायदा होने वाला है। मोटे अनाज यानी ज्वार, बाजरा, रागी को हाल ही में विधानसभा में भी सांसदों को परोसा गया था। उसके बाद वर्तमान में राजस्थान में आए हुए जी-20 देशों के प्रतिनिधियों को भी मोटे अनाज से बने हुए व्यंजन परोसे जा रहे हैं।

हालांकि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केंद्र सरकार की ओर से पेश किए गए बजट को जुमले बाजो का बजट बताया है।

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