इस बार मंदिरों को नहीं भूली सरकार: जिस पॉइंट को बीजेपी बनाते मुद्दा, CM गहलोत उसी के जरिए साधेंगे हिंदू वोटर्स

राजस्थान में ये साल चुनावी साल है। सीएम गहलोत प्रदेश में अपनी सरकार रिपीट करना चाहते है इसके लिए बजट के बाद लगातार जनता के लिए अलग-अलग घोषणाएं कर रहे हैं। सरकार ने अब विपक्ष के मुद्दों को भी साल्व करने की तैयारी कर ली है। इसके लिए की ये बड़ी घोषणा।

Sanjay Chaturvedi | Published : Mar 18, 2023 7:47 AM IST / Updated: Mar 18 2023, 01:21 PM IST

जयपुर (jaipur news). प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पहले तो बजट उसके बाद बजट रिप्लाई और फिर बजट पास में लगातार जनता को अलग-अलग घोषणा देकर साधने का काम कर लिया है। शुक्रवार को हुए बजट पास में राजस्थान में नए 19 जिलों और तीन नए संभागों की भी घोषणा हुई। लेकिन अब चुनावी साल में सीएम अशोक गहलोत ने अपना सॉफ्ट हिंदुत्व कार्ड भी खेलना शुरू कर दिया है। इसके तहत उन्होंने बजट पास में मंदिरों को लेकर कई बड़ी घोषणा कर दी है। इनमें 1 या 2 घोषणा तो ऐसी है जिनके बारे में सूचना भी संभव नहीं था।

जयपुर का गोविंद देव मंदिर में बनेगा महाकाल जैसा कॉरिडोर

सीएम अशोक गहलोत ने सबसे बड़ी घोषणा जयपुर के गोविंद देव जी मंदिर को उज्जैन के महाकाल कॉरिडोर तर्ज पर विकसित करने की घोषणा की है इसके लिए करीब 100 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा पुष्कर में भी विकास के कई काम होंगे। और फिर चाहे बात केला देवी मंदिर, श्रीनाथ मंदिर, वीर तेजा मंदिर या फिर खाटू श्याम की हो। कहीं सीएम अशोक गहलोत ने विकास कार्यों के लिए डीपीआर बनवाने की घोषणा की है तो कहीं सीएम ने डेडीकेटेड कॉरिडोर बनाने के लिए 30 करोड़ की घोषणा की है। सीएम ने सीकर के खाटू श्याम मंदिर में 32 करोड़ की लागत से डेडीकेटेड कॉरिडोर बनाने की घोषणा की है। इसके अलावा चित्तौड़गढ़ के सांवलिया जी मंदिर के मेले के दौरान केवल 50% किराया होने की घोषणा की है।

बजट में कई धार्मिक मेलों में किराए में छूट की कर चुके है घोषणा

आपको बता दें कि सीएम अशोक गहलोत इसके पहले बजट में ही प्रदेश के विभिन्न धार्मिक मेलों के दौरान किराए में छूट की घोषणा कर चुके हैं। राजनीतिक सलाहकारों की माने तो सीएम गहलोत चाहते हैं कि धर्म और घोषणाओं दोनों के आधार पर ही उनकी पार्टी का दूसरी पार्टी से आकलन नहीं किया जाए क्योंकि एक तरफ से नए जिले और संभाग बनाने की ठानी लेकिन यदि यह घोषणा नहीं करते तो चुनाव के समय धार्मिक भेदभाव का मुद्दा उठता लेकिन अब धार्मिक स्थानों के लिए ऐसी घोषणा होने के बाद सीएम चुनाव में भी इसे काफी लुभाएंगे।

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