राजस्थान से ऐसी खबर सामने आई है, जहां सीएम अशोक गहलोत ने ऐसा बयान दे दिया है कि इसके बाद प्रदेशवासियों के अरमानों पर पानी फेर दिया। दरअसल नए जिलों को बनाने की मांग को लेकर प्लान बना रही कमेटी के कार्यकाल को सीएम ने 6 महीने के लिए और बढ़ा दिया है।
जयपुर (jaipur news). राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के एक बयान से प्रदेश के एक करोड़ से ज्यादा लोगों की आस टूट गई है। बीती रात सीएम ने नया निर्देश जारी कर दिया है। जो कमेटी नए जिले बनाने को लेकर प्लान तैयार कर रही थी सरकार ने उस कमेटी का कार्यकाल छह महीने और बढ़ा दिया है। यानि यह कमेटी अब सितंबर तक अपनी रिपोर्ट सीएम को देगी और सीएम इस कमेटी की रिपोर्ट के बाद ही नए जिलों की मांग को लेकर कुछ क्लीयर करेंगे। सबसे बड़ी बात ये है कि सितंबर के तुरंत बाद चुनाव होने जा रहे हैं और चुनाव से तीन महीने पहले आचार सहिंता के कारण सभी तरह की नई घोषणाएं बंद कर दी जाती हैं। सरकार के इस कार्यकाल में नए जिलों का तोहफा नहीं मिलेगा, यह लगभग तय है।
नए जिलों को बनाने को बनी कमेटी
दरअसल आईएएस रामभुलाया के अधीन मार्च 2022 में सरकार ने एक कमेटी बनाई थी और इस कमेटी को काम दिया गया था नए जिलों के गठन को लेकर उससे पहले की तमाम जरुरतों को पूरा करने को लेकर प्लान बनाने का। यह भी काम दिया गया था कि नए जिले बनाए जाते हैं तो किन किन कस्बों को जरुरत है और फिर उनमें क्या बदलाव किया जाना है। यह कमेटी पिछले साल के अंत में अपनी रिपोर्ट देती, लेकिन नहीं दे सकी। फिर इस साल की शुरुआत मे रिपोर्ट का इंतजार किया गया लेकिन रिपोर्ट नहीं मिली। यही कारण रहा कि सीएम ने अपने बजट में भी नए जिलों को लेकर कुछ नहीं कहा।
न्यू डिस्ट्रिक्ट कमेटी का बढ़ाया कार्यकाल
अब इस कमेटी का काम और छह महीने के लिए बढ़ा दिया गया है। यानि अब यह सितंबर तक अपनी रिपोर्ट दे सकती है। अब यह अंदाजा लगाया जा रहा है कि नए जिले इस कार्यकाल में घोषित ही नहीं होंगे। सरकार कोटपूतली, भिवाडी, नीमका थाना समेत दस नए जिले बनाने पर जिक्र कर रही थी। इन जिलों मंे एमएलए और एमपी आश्वस्त थे कि नए जिले जल्द ही बना दिए जाएंगे। लेकिन सरकार ने इन नए जिलों से आने वाले करीब एक करोड़ लोगों के अरमानों पर पानी फेर दिया।
इसे भी पढ़े- तो क्या इसलिए राजस्थान में नहीं बन सके नए जिले: CM अशोक गहलोत को इस बात का सता रहा था डर