सार

राजस्थान में 10 फरवरी के दिन विधानसभा में हुए गफलत के बाद भी आखिरकार बजट पेश कर ही दिया गया। CM गहलोत ने हर वर्ग को साधने का लगभग सफलतम प्रयास कर लिया लेकिन यहां की जनता नए जिलों की आस कर रही थी वो पूरी ना हो सकी। किस वजह से cm गलहोत ने नही की घोषणा।

जयपुर (jaipur). मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार को राजस्थान के लिए साल 2023 का आम बजट पेश कर दिया। हालांकि इस बार सीएम ने हर वर्ग को बजट में ध्यान में रखा है फिर चाहे बाद बिजली किसानों के लिए फ्री करने की और आम आदमी के लिए 100 यूनिट फ्री करने की हो या फिर महिलाओं के लिए बसों में 50% फ्री किराया। सीएम अशोक गहलोत ने इन घोषणाओं के जरिए हर एक वर्ग को तो अपने पक्ष में करने की कोशिश की है लेकिन सीएम पार्टी में होने वाली आंतरिक फूट से बचने के लिए बजट में नए जिलों की घोषणा तक नहीं कर पाए हैं। सीएम नए जिलों की बात पर कहा है कि कमेटी की रिपोर्ट आने पर ही इस पर निर्णय किया जाएगा।

प्रदेश में कई विधानसभा क्षेत्रों को जिला बनाने की चल रही मांग

आपको बता दें कि राजस्थान में नीम का थाना केकरी ब्यावर कुचामन डीडवाना फलोदी समेत करीब एक दर्जन ऐसे विधानसभा क्षेत्र है। जिनको पिछले लंबे समय से जिला बनाने की मांग लेकिन इसके बाद भी सीएम ने नए जिलों की घोषणा इसलिए नहीं की है क्योंकि करीब एक दर्जन नए जिलों की मांग की जा रही है जबकि इसमें से 6 जिले ही नए बनाए जा सकते हैं। ऐसे में सीएम नहीं चाहते कि आधे जिले बनने पर पार्टी के नेताओं और विधायकों के बीच आपसी कलह की शुरुआत हो। हालांकि माना जा रहा है कि सीएम इस कार्यकाल में नए जिलों की घोषणा कर सकते हैं ।

सीएम ने कमेटी रिपोर्ट आने के बाद ही फैसला लेने की बात कही

सीएम अशोक गहलोत के सबसे खास माने जाने वाले पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा के गृह जिले सीकर को भी पिछले लंबे समय से संभाग बनाने की मांग चली आ रही है। लेकिन इसके बाद भी सीकर को संभाग का दर्जा इस बजट में नहीं दिया गया है। इसके लिए भी सीएम अशोक गहलोत ने कमेटी की रिपोर्ट आने पर ही फैसला लेने की बात कही है। ऐसे में अब कयास लगाए जा रहे हैं कि यदि सीएम नए जिलों की घोषणा नहीं करते और केवल सीकर को संभाग बनाने की घोषणा कर देते तो पार्टी के अन्य विधायकों को यूं लगता कि पीसीसी चीफ को खुश करने के लिए सीएम ने यह घोषणा कर दी है ।

वही राजस्थान में कुछ विधायक तो इस तरह से अपने क्षेत्र को जिला बनाने की मांग कर रहे हैं मानो यही उनके जीवन का मुख्य मकसद हो। इन्हीं में से हैं राजस्थान के बाड़मेर जिले के बालोतरा विधायक मदन प्रजापत। जो पिछले 1 साल से बिना जूते चप्पल नंगे पैर ही घूमते फिरते हैं। इनका कहना है कि जब तक उनके विधानसभा क्षेत्र बालोतरा को जिला घोषित नहीं किया जाता है तब तक वह नंगे पैर ही घूमेंगे।

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