राजस्थान के जयपुर शहर वासियों को 12 अप्रैल से सड़कों पर वाहन चलाने से पहले इस खबर को पढ़ ले। दरअसल पुलिस मुख्यालय ने ट्रैफिक पुलिस को अजीबोगरीब निर्देश दे दिए है जिसके चलते अब वाहन मालिकों की जेब की ढीली नहीं कराई तो पुलिस की जेब पर पड़ेगा भार।
जयपुर (jaipur news). जयपुर में अब वाहन चलाते समय अगर कोई भी नियम तोड़ दिया तो आपकी खैर नहीं है। अगर पुलिसकर्मी से सांठगांठ बिठाकर आपने चलान नहीं करवाया तो ऐसे में पुलिसकर्मी को उसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा क्योंकि वह अपनी जेब से चालान का व्यय भुगतना पड़ेगा। इस तरह के अजीबोगरीब आदेश आज राजस्थान पुलिस मुख्यालय ने निकाले हैं। डीजीपी उमेश मिश्रा और एडिशनल डीजी ट्रैफिक वीके सिंह ने नई प्लानिंग की है। फिलहाल इसकी शुरुआत जयपुर से कर दी गई है और उसके बाद धीरे-धीरे अन्य शहरों में भी से लागू कर दिया जाएगा ।
आखिर क्या नई प्लानिंग की है अफसरों ने
दरअसल जयपुर में ट्रैफिक उल्लंघन के मामले हर रोज बढ़ तो रहे हैं, लेकिन इन मामलों के जितना राजस्व सरकार को नहीं मिल पा रहा है। इसके दो कारण हैं पहला यह कि कई चालान पुलिस करती तो है लेकिन उसका पैसा सरकारी खातों में जमा कराने की जगह अपनी जेब में जमा कर लेती है। दूसरा सबसे बड़ा कारण है कि अक्सर वाहन चालक किसी ना किसी अधिकारी या नेता, मंत्री आदि का नाम लेकर छूट जाते हैं और चलान नहीं करवाते। ऐसी स्थिति में भी राजस्व का लगातार नुकसान हो रहा है।
पुलिस से वसूला जाएगा चालान का दोगुना पैसा
ट्रैफिक एडिशनल डीजीपी वीके सिंह ने बताया कि हेलमेट का प्रयोग नहीं करने पर, दुपहिया कर दो से अधिक सवारी बिठाने पर, चौपाया वाहन चलाते समय सीट बेल्ट नहीं लगाने पर, रेड लाइट जंप करने पर , शराब पीकर वाहन चलाने और अन्य यातायात नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहन चालकों से अगर पुलिसकर्मी चालन का पैसा नहीं लेते हैं और उसे सरकारी खाते में जमा नहीं कराते हैं। तो उन पुलिसकर्मियों से चालान का दोगुना वसूला जाएगा । चालान के दोगुना राशि वसूलने के अलावा भी विभागीय कार्रवाई की जाएगी।
डीजीपी और एडिशनल डीजीपी के इन आदेशों के बाद अब जयपुर की ट्रैफिक पुलिस में खलबली मची हुई है । जयपुर में हर रोज 5000 से ज्यादा लोगों के चालान होते हैं।
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