
जयपुर (jaipur news). राजस्थान में विधानसभा चुनाव में करीब 4 महीने का समय बाकी है। हालांकि बीते दिनों दिल्ली में आलाकमान के घर पर हुई बैठक के बाद दोनों के बीच अब दोनों गुटों के बीच सुलह लगती दिखाई दे रही है। इसी बीच सीएम अशोक गहलोत ने सचिन पायलट और सरकार का विरोध करने वाली विधायक दिव्या मदेरणा पर एक बयान दिया है। इस बयान के बाद राजस्थान में राजनीतिक गलियारों में हलचल मची है।
राजस्थान सीएम गहलोत ने नेता सचिन पायलट और मदेरणा को लेकर कही ये बात
दोनों विधायकों के बारे में बोलते हुए सीएम अशोक गहलोत ने कहा है कि सचिन पायलट को मैं आज से नहीं बल्कि 1980 से जानता हूं जब उनके पिता सांसद थे। सचिन पायलट जब ढाई साल के थे तब से मेरा उनके घर पर आना जाना है। वही सीएम अशोक गहलोत ने कहा है कि दिव्या मदेरणा जब छोटी थी उन्हें भी तब से जानता हूं। इन दोनों को इस तरह जानने का बताकर सीएम गहलोत एक बार फिर अपनी सीएम पद की दावेदारी को और मजबूत बता रहें है।
परसराम मदेरणा के सीएम पद की दावेदारी पर मुख्यमंत्री ने दी सफाई
वही सीएम अशोक गहलोत ने परसराम मदेरणा पर भी बयान देते हुए कहा है कि वह कभी सीएम पद के उम्मीदवार थे ही नहीं 1998 के दौरान उनका स्वास्थ्य खराब था। ऐसे में यह धारणा गलत है कि मैं उनकी जगह से बना हूं। गौरतलब है कि राजस्थान में मदेरणा और सीएम के बीच मुख्यमंत्री के पद का मामला कई बार आया था। लेकिन अब सीएम अशोक गहलोत इस पर बयान देकर पूरे मामले को ही साफ कर दिया है।
अपनी ही कांग्रेस सरकार के खिलाफ हुए विधायक सचिन पायलट और दिव्या मदेरणा
गौरतलब है कि राजस्थान में साल 2020 में हुए पॉलिटिकल ड्रामे के बाद विधायक दिव्या मदेरणा कई बार अपनी ही सरकार के खिलाफ हुई। वहीं सचिन पायलट ने तो जन संघर्ष यात्रा भी की। हालांकि चुनावी साल में सीएम अशोक गहलोत के खिलाफ विधायक दिव्या मदेरणा का कोई बयान सामने आया है। वहीं सचिन पायलट ने भी अपनी नई पार्टी बनाने के दावे को खारिज कर दिया है।
हालांकि यह कानूनी दृष्टि पर भी संभव नहीं है क्योंकि एक पार्टी को बनने में करीब 4 से 12 महीने का समय लग जाता है। ऐसे में किसी भी हाल में संभव नहीं है कि चुनाव के पहले सचिन पायलट बना ले।
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