जयपुर के सरकारी अस्पताल SMS के डॉक्टरों का कमाल: गर्दन में फंसी 3 इंच की बुलेट जबड़ा और गला काटकर निकाली गई

राजस्थान के जयपुर स्थित उत्तर भारत के सबसे बड़े सरकारी हॉस्पिटल एसएमएस में एक बार फिर डॉक्टरों ने कमाल करते हुए एक मरीज की जान बचाई है। उसके गर्दन में फंसी बुलेट निकालने का सफल ऑपरेशन किया गया।

 

Sanjay Chaturvedi | Published : Jun 23, 2023 2:52 PM IST

जयपुर (jaipur news). जयपुर में स्थित s.m.s. अस्पताल उत्तर भारत का सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल है। अस्पताल में डॉक्टर और स्टाफ की संख्या 2 हजार से भी ज्यादा है। बड़े और जटिल ऑपरेशन करने के लिए जाना जाने वाला s.m.s. अस्पताल एक बार फिर चर्चा में है। अस्पताल में इस बार जो सर्जरी की गई है वह आज से पहले कभी नहीं की जा सकी है। अस्पताल में एक ऐसे व्यक्ति की सर्जरी की गई जिसके गले में गोली मार दी गई थी। लेकिन उसकी जान बच गई, उसके बाद उसका ऑपरेशन किया गया और गनीमत रही इस बार भी उसकी जान बच गई । मामला जयपुर के कोटपुतली इलाके का है ।

युवक को झगड़े के बाद बदमाशों ने गले में मारी गोली

दरअसल जयपुर के कोटपूतली क्षेत्र में पिछले सप्ताह केसरमल नाम के एक व्यक्ति को कुछ लोगों ने गोली मार दी थी। वह रात के समय अपने घर लौट रहा था इस दौरान कुछ लोगों से उसका झगड़ा हो गया तो झगड़े में एक व्यक्ति ने बेहद नजदीक से उसके गले में गोली मार दी। बुलेट 3 इंच की थी , जो गर्दन में ही फस कर रह गई। केसरमल को उसी समय एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां से उसे तुरंत जयपुर के एसएमएस अस्पताल में रेफर कर दिया गया।

जयपुर SMS हॉस्पिटल में डॉक्टरों ने किया सफल ऑपरेशन

अस्पताल में करीब चार-पांच दिन तक लगातार उसकी सभी तरह की जांच कराई गई, लेकिन डॉक्टर तय नहीं कर पाए कि उसकी सर्जरी किस तरह से की जाए। s.m.s. अस्पताल के अधीक्षक डॉक्टर अचल शर्मा ने बताया कि न्यूरो सर्जरी डिपार्टमेंट के हेड डॉ मनीष अग्रवाल से जब इस बारे में कंसल्ट किया तो उन्होंने कुछ दिन का समय मांगा। उसके बाद सभी तरह की जांच पड़ताल करने के बाद उन्होंने सर्जरी की तैयारी कर ली। डॉ अग्रवाल और उनकी टीम ने पहले तो जबड़े का कुछ हिस्सा काटा, उसके बाद गले का कुछ हिस्सा काटा और काफी जटिल ऑपरेशन करके 3 इंच की बुलेट निकाल ही ली। डॉ मनीष अग्रवाल ने कहा कि ऑपरेशन बेहद जटिल था, मरीज की जान को भी खतरा था, लेकिन ईश्वर ने केसरमल को दूसरी बार जिंदगी दी।

युवक को दो बार मिला जीवनदान

डॉ अग्रवाल ने बताया कि मनीष केसरमल की जान इसलिए बच गई क्योंकि पहले तो उसे जिन व्यक्ति ने भी गोली मारी वह बिल्कुल अनट्रेंड थे, वे प्रोफेशनल शूटर नहीं थे। इसलिए उन्होंने उटपटांग तरीके से गोली चलाई। उसके बाद केसरमल के कान और जबड़े की हड्डी से होती हुई गोली गर्दन की तरफ गई और गर्दन में जाकर रीड की हड्डी और कंधे को जोड़ने वाली हड्डी के पास जाकर फस गई। वहां से गोली निकालना चुनौती था, क्योंकि दिमाग में जाने वाली नसों को नुकसान हो सकता था। लेकिन काफी जटिल ऑपरेशन सही तरह से हो ही गया और एक तरह से केसरमल को दूसरी बार जीवन मिल गया।

उधर पुलिस इस मामले में पहले ही गोली चलाने वाले तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है । इस जटिल ऑपरेशन के बाद अब 2 से 3 दिन के बाद केसरमल को अस्पताल से छुट्टी दे दी जाएगी।

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