राजस्थान में सोलर उर्जा के मामले में तो देश में नबंर 1 बनता ही जा रहा है, तो वहीं इसके अलावा भी प्रदेश इलेक्ट्रिसिटी के प्रोडक्शन में काम कर रही है। इसी कड़ी में थर्मल बिजली उत्पादन में भी इतिहास रचा है। इसके चलते सरकार की हो रही तारीफ।
जयपुर (jaipur). बीते कुछ सालों में जहां राजस्थान सोलर ऊर्जा के मामले में देश में नंबर 1 बनता जा रहा है वही राजस्थान में अब अन्य तरीकों से भी बिजली का जमकर प्रोडक्शन किया जा रहा है। हाल ही में जारी आंकड़ों के मुताबिक की राजस्थान पिछले 22 सालों में थर्मल बिजली प्रोडक्शन में भी आगे रहा है। यह आंकड़ा कई स्टेट से ज्यादा है।
प्रदेश के लिए है बड़ी उपलब्धि
प्रदेश के ऊर्जा मंत्री भंवर सिंह भाटी ने बताया कि राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम के कोयला आधारित बिजली प्रोडक्शन यूनिट में वर्तमान में 7580 में से 7330 मेगावाट केपेसिटी की यूनिट्स संचालित की जा रही है। जो अपने आप में स्टेट के लिए बड़ी उपलब्धि है। वहीं निगम के सीएमडी आरके शर्मा ने बताया कि निगम के कर्मचारियों और अन्य सभी कामगारों की मदद से निगम ने इस प्रदर्शन को हासिल किया है। भविष्य में भी निगम का प्रयास रहेगा कि इसी तरह से काम होता रहे।
थर्मल प्लांट ने भले ही उपलब्धि हासिल कर ले, पर ये है दिक्कत
अब भले ही थर्मल प्रोडक्शन के मामले में राजस्थान में कितना ही सालों का इतिहास क्यों न रखा हो लेकिन फिर भी राजस्थान में लोगों को बिजली महंगी मिल रही है क्योंकि राजस्थान कोयला उत्पादक स्टेट नहीं है। ऐसे में राजस्थान को दूसरे राज्यों से ही कोयले की खरीद करनी होती है। आपको बता दें कि थर्मल प्रोडक्शन में कोयले से ही बिजली बनाई जाती है। यदि देश में कोयले की कमी होती है तो थर्मल बिजली जिन स्टेट में ज्यादा सप्लाई होती है वहां यहां तो बिजली महंगी की जाती है या फिर कटौती कर दी जाती है।
गौरतलब है कि हाल ही में राजस्थान में भी पिछले करीब 1 महीने तक अजमेर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड से जुड़े करीब 11 जिलों में रोज 1 घंटे तक बिजली कटौती की जाती थी।
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