
जयपुर. राजधानी जयपुर के पास भांकरोटा में हुए दर्दनाक एलपीजी टैंकर ब्लास्ट हादसे में मृतकों की संख्या बढ़कर 17 हो गई है। बुधवार को सवाई मान सिंह (एसएमएस) अस्पताल में भर्ती दो और घायलों ने दम तोड़ दिया। इनमें विजिता नामक युवती और विजेंद्र शामिल हैं। हादसे के बाद अब तक 14 घायलों का इलाज अस्पताल में चल रहा है, जिनमें से पांच की हालत बेहद गंभीर बताई जा रही है।
विजेता की मौत से घर में मातम हादसे में मृत विजेता प्रतियोगी परीक्षा देने के लिए जयपुर आ रही थीं। हादसे से कुछ देर पहले ही उन्होंने अपने परिवार से फोन पर बात की थी। विजेता की मौत ने उनके परिवार को गहरे शोक में डाल दिया है।
एसएमएस अस्पताल के डॉक्टरों की टीम अलर्ट मोड पर काम कर रही है। डॉ. राकेश जैन ने बताया कि अस्पताल में भर्ती 14 मरीजों में से पांच की हालत बेहद नाजुक है। सभी घायलों को बेहतर से बेहतर उपचार देने का प्रयास किया जा रहा है।
20 दिसंबर को हुआ था हादसा यह भीषण घटना 20 दिसंबर को जयपुर-अजमेर हाईवे पर हुई थी, जब एक एलपीजी से भरा टैंकर अचानक ब्लास्ट हो गया। आग की चपेट में आने से 10 से अधिक लोग उसी दिन जिंदा जल गए थे। बसों और गाड़ियों में बैठे लोग अपनी मंजिल की ओर बढ़ रहे थे, लेकिन अचानक हुए इस हादसे ने उनके जीवन को अंधकार में धकेल दिया।
40 से अधिक वाहन जलकर हुए खाक इस दुर्घटना में करीब 40 से अधिक वाहन पूरी तरह जलकर खाक हो गए, जिनमें कई ट्रक, ट्रेलर, और निजी वाहन शामिल थे। हादसे ने हाईवे के आसपास के क्षेत्र को भी बुरी तरह प्रभावित किया। पास की एक प्लास्टिक फैक्ट्री और उसका वेयरहाउस पूरी तरह तबाह हो गया।
मुआवजा और जांच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने मृतकों के परिवारों और घायलों के लिए मुआवजे की घोषणा की है। हादसे के कारणों की जांच के लिए विभिन्न एजेंसियां सक्रिय हो गई हैं
मुआवजा और राहत की घोषणा इस भीषण हादसे के बाद प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिजनों और घायलों के लिए मुआवजा देने की घोषणा की। राहत कार्यों के लिए स्थानीय प्रशासन को निर्देश दिए गए हैं। विभिन्न एजेंसियां हादसे की वजह और सुरक्षा चूक की जांच में जुटी हुई हैं। यह हादसा न केवल एक बड़ी त्रासदी है, बल्कि सुरक्षा उपायों पर सवाल भी खड़े करता है। इससे सबक लेते हुए ऐसे खतरनाक हादसों को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाने चाहिए।यह घटना न केवल जयपुर, बल्कि पूरे राज्य के लिए बड़ा झटका है। इस हादसे ने सुरक्षा और मानवीय चूक के मुद्दे पर गहन मंथन की आवश्यकता को उजागर किया है।
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