सार
जयपुर.जयपुर-अजमेर हाईवे पर शुक्रवार रात एक भयानक हादसे में एक एलपीजी टैंकर और ट्रक की टक्कर के बाद आग लग गई। इस हादसे में करीब 30 लोग झुलस गए। घायलों ने पास के एक खेत में शरण ली, जहां उन्हें तत्काल सहायता मिली। हादसा उस समय हुआ जब एलपीजी टैंकर से गैस का रिसाव हो गया और उसमें आग लग गई। आसपास के लोग आग की लपटों से बचने के लिए खेतों की ओर भागे। खेत में मौजूद भंवरलाल और उनके परिवार ने मदद के लिए अपने घर के दरवाजे खोले। "लोग चीख रहे थे, उनकी त्वचा जल चुकी थी। वे कपड़े और पानी मांग रहे थे," भंवरलाल ने बताया।
जयपुर में वो चीख रहे थे, उनके कपड़े जल चुके थे
घायल लोग कंदोई अस्पताल पहुंचना चाहते थे, जो खेत से मात्र 1.5 किलोमीटर दूर था। लेकिन खेत और अस्पताल के बीच 8 फुट ऊंची दीवार उनके रास्ते की सबसे बड़ी बाधा थी। ऐसे में 20 वर्षीय राकेश सैनी ने हिम्मत दिखाई। उन्होंने सीढ़ी लाकर दीवार पर लगाई और घायलों को दीवार पार करने में मदद की। "मैंने कम से कम 30 लोगों को खेतों की ओर भागते देखा। वे चीख रहे थे, उनके कपड़े जल चुके थे। मैंने बिना देर किए सीढ़ी लाकर उनकी मदद की," राकेश ने बताया।
बहुत बुरा था अस्पताल का वो दृश्य
कंदोई अस्पताल के कर्मचारियों ने घायलों को प्राथमिक उपचार दिया और उन्हें एंबुलेंस से एसएमएस अस्पताल पहुंचाया। अस्पताल प्रशासन ने बताया कि अधिकतर घायलों की हालत गंभीर थी और उन्हें बेहतर इलाज के लिए तुरंत शिफ्ट करना पड़ा।
प्रशासन ने संभाल लिया वरना मंजर और भयानक होता
घटना के बाद प्रशासन मौके पर पहुंचा और स्थिति को नियंत्रण में लिया। घायलों को हरसंभव मदद उपलब्ध कराई जा रही है। हादसे के कारणों की जांच की जा रही है।
मानवता की मिसाल
इस हादसे ने राकेश सैनी और उनके परिवार की मानवता को उजागर किया। उनकी त्वरित मदद ने कई जिंदगियां बचाईं। इस हादसे ने यह भी दिखाया कि संकट के समय मानवता सबसे बड़ा सहारा बनती है।