जुड़वा भाइयों की गजब ट्यूनिंग: एक साथ पढ़े, परीक्षाएं दीं, साथ-साथ शिक्षक बने...अब शादी के लिए ढूंढ रहे जुड़वा बहनें

जुड़वा बच्चे तो कई देखें होंगे लेकिन ऐसी ट्यूनिंग पहली बार देखने को मिली। जैसलमेर के दो जुड़वा भाइयों ने साथ पढ़ाई की, साथ ही कॉम्पटीशन की तैयारी और अब दोनों की एक साथ शिक्षक की नौकरी भी लगी है।

जैसलमेर। साथ जन्मे, बड़े हुए, एक ही स्कूल में गए, एक ही कॉलेज में साथ पढ़ाई की, एक साथ सरकारी नौकरी की तैयारी की और अब दोनों की एक साथ ही जॉब भी लग गई। अब माता-पिता दोनों की एक साथ शादी करने के लिए ऐसे ही जुड़वा बहनें तलाश रहे हैं।

जैसलमेर के जुड़वा भाइयों के क्या कहने 
राजस्थान के रेगिस्तान को भले ही बंजर कहा जाता हो लेकिन यहां के युवा उन हालातों में भी पढ़ लिखकर सफलता की ऊंचाई तक पहुंच रहे हैं। ऐसी जगह जहां लोगों का जीवन गुजारना भी मुश्किल होता है वहां के युवा कॉम्पटीशन निकालकर सरकारी नौकरी पा रहे हैं। हम बात कर रहे हैं जैसलमेर जिले के भादरिया गांव के रहने वाले दो जु़ड़वा भाइयों सवाई और जगदीश की। इनके पिता नंदकिशोर फर्नीचर बनाने का काम करते हैं।

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रीट भर्ती में दोनों सेलेक्ट हुए
जुड़वा होने के कारण सवाई और जगदीश हमेशा खेलकूद से लेकर हर काम साथ ही करते हैं। दोनों को ही हमेशा से पढ़ाई में काफी रुचि थी। गांव में कभी लाइट आती तो कभी नहीं आती लेकिन दोनों भाई नियमित पढ़ाई करते थे। बीते दिनों जब रीट भर्ती परीक्षा का आयोजन हुआ तो दोनों भाइयों ने उसमें हिस्सा लिया और दोनों ही उसमें न केवल पास हुए बल्कि जगदीश ने जिले में 16वीं रैंक और सवाई ने 31 वीं रैंक हासिल की।

दोनों ने हस्तिनापुर में साथ ही नौकरी ज्वाइन की
खास बात ये है कि अब दोनों ने हस्तिनापुर गांव के सरकारी स्कूल में नौकरी भी ज्वाइन कर ली है। परिवार के लोगों ने बताया कि दोनों भाइयों के बीच से कभी झगड़ा तो दूर की बात है तू-तू, मैं-मैं भी नहीं हुई। दोनों भाइयों ने हमेशा एक दूसरे की मदद ही की।

दोनों ने साथ में सेल्फ स्टडी की 
परिजनों ने बताया कि दोनों ने परीक्षा की तैयारी के लिए किसी भी प्रकार की कोई भी कोचिंग नहीं की। दोनों भाई पूरे दिन पढ़ाई में लगे रहते थे जब किसी एक को कुछ याद होता तो दूसरा उसका टेस्ट लेता। इसी तरह से पढ़ लिखकर अब दोनों सरकारी नौकरी लग चुके हैं।

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