जोधपुर (राजस्थान). जोधपुर में डेंगू का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है, और अब यह गंभीर रूप से शहर के स्वास्थ्य क्षेत्र को प्रभावित कर रहा है। मंगलवार, 3 दिसंबर को जोधपुर के प्रसिद्ध कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. राजीव गहलोत की डेंगू के कारण मौत हो गई। पिछले कुछ दिनों से उनकी तबीयत खराब थी, और सुबह 5 बजे उन्हें निजी अस्पताल की इमरजेंसी में लाया गया। जानकारी के अनुसार, उनकी प्लेटलेट्स काफी कम हो गई थीं, जिससे उनकी स्थिति और गंभीर हो गई थी। हालांकि, उनकी मौत के कारण की पूरी जानकारी अभी सामने नहीं आई है, लेकिन डेंगू के कारण मृत्यु की संभावना जताई जा रही है।
डॉ. गहलोत जोधपुर के सबसे प्रमुख कार्डियोलॉजिस्ट और सर्जन में से एक थे। उन्होंने अपने करियर में 5,000 से अधिक हार्ट सर्जरी की थीं और देशभर के विभिन्न केंद्रों में कार्डियोवस्कुलर और थोरैसिक सर्जरी में अपनी विशेषज्ञता साबित की थी। वे मिनिमल इनवेसिव कार्डियक सर्जरी, टोटल आर्टेरियल सीएबीजी और पीडियाट्रिक कार्डियक सर्जरी के क्षेत्र में विशेष रूप से जाने जाते थे। उनकी कुशलता और अनुभव ने उन्हें इस क्षेत्र में एक प्रतिष्ठित स्थान दिलाया था।
डॉ. गहलोत उन चुनिंदा सर्जनों में से थे, जो जटिल सर्जरी जैसे महाधमनी और संवहनी सर्जरी, साथ ही बाल चिकित्सा कार्डियक सर्जरी में माहिर थे। वे वसुंधरा अस्पताल में कार्यरत थे और उनकी विशेषज्ञता के कारण उन्हें पूरे शहर में एक सम्मानित डॉक्टर के रूप में जाना जाता था। उनकी मृत्यु ने चिकित्सा जगत को गहरा शोक पहुंचाया है, और उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा। इस घटना ने जोधपुर में डेंगू के खतरे को और बढ़ा दिया है, और इसके प्रति जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता को और भी अहम बना दिया है।
जोधपुर में डेंगू का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है, और अब यह गंभीर रूप से शहर के स्वास्थ्य क्षेत्र को प्रभावित कर रहा है। मंगलवार, 3 दिसंबर को जोधपुर के प्रसिद्ध कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. राजीव गहलोत की डेंगू के कारण मौत हो गई। पिछले कुछ दिनों से उनकी तबीयत खराब थी, और सुबह 5 बजे उन्हें निजी अस्पताल की इमरजेंसी में लाया गया। जानकारी के अनुसार, उनकी प्लेटलेट्स काफी कम हो गई थीं, जिससे उनकी स्थिति और गंभीर हो गई थी। हालांकि, उनकी मौत के कारण की पूरी जानकारी अभी सामने नहीं आई है, लेकिन डेंगू के कारण मृत्यु की संभावना जताई जा रही है। इस घटना ने जोधपुर में डेंगू के खतरे को और बढ़ा दिया है, और इसके प्रति जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता को और भी अहम बना दिया है।