राजस्थान की सबसे बड़ी दुग्ध उत्पादक सहकारी समिति से हैरान करने वाली खबर सामने आ रही है। यहां ठंड के दिनों में इतना घी और मिल्क पावडर तैयार कर लिया गया है कि अब गर्मी के दिनों में यह खराब होने की कगार पर है। इसकी अनुमानित लागत करोड़ों में है।
करौली न्यूज (karauli news).राजस्थान से हैरान करने वाली खबर सामने आई। यहां करोड़ों रुपए का घी खराब होने की कगार पर है। अनुमान के मुताबिक करीब 7 करोड़ रुपए का घी बिना डिमांड के तैयार किया गया। जिसे अब भेज पाना भी मुश्किल हो गया है। यदि समय पर इसे नहीं बेचा जाता है तो करोड़ों रुपए का यह घी खराब हो जाएगा।
ठंड के दिनों में हुई दूध की बंपर आवक
दरअसल सवाई माधोपुर करौली जिला दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ में सर्दियों के मौसम के समय नवंबर से फरवरी महीने तक प्लांट में दूध की बंपर आवक हुई। ऐसे में डिमांड से ज्यादा माल भी तैयार हुआ। जिसे बाजार में बेचना मुश्किल था। ऐसे में इसका केवल स्टोरेज होता रहा। करीब डेढ़ लाख किलो से ज्यादा घी का प्रोडक्शन और स्टोरेज होने के बाद भी का निर्माण होना बंद नहीं हुआ।
घी ही नहीं मिल्क पावडर का भी हुआ स्टोरेज
इतना ही घी के साथ - साथ मिल्क पाउडर का भी स्टोरेज काफी ज्यादा हो गया है। सवाईमाधोपुर करौली डेयरी संघ में करीब 2 लाख किलोग्राम मिल्क पाउडर जमा हो गया है। इसके अलावा सीकर के गोविंदगढ़ अलवर और सवाई माधोपुर सहित कई प्लांट मिल्क पाउडर के कटों से भरे पड़े हैं। जिनकी कीमत करीब 6.50 करोड़ रुपए हैं।
बड़े- बड़े मंदिरों और ट्रस्टों से की जा रही बात
स्टोरेज में पड़े डेयरी प्रोडक्ट को खराब होने से बचाने का प्रयास किया जा रहा है। फिलहाल घी को खपाने के लिए डेयरी संघ बड़े-बड़े मंदिरों और ट्रस्टों से संपर्क कर रहा है वर्तमान में करौली के मदन मोहन मंदिर में हर महीने 200 टीन घी सप्लाई की जा रही है। इसके अलावा प्रदेश के अन्य बड़े मंदिरों में इसकी सप्लाई के लिए बातचीत चल रही है।
आपको बता दें कि वर्तमान में भले ही राजस्थान में घी का प्रोडक्शन और उसकी सेलिंग करने वाली कई कंपनियां हो लेकिन राजस्थान में आज भी लोगों की पहली पसंद सरस और अन्य डेयरी दुग्ध उत्पादक संघ के अंडर के प्लांट्स में तैयार घी और अन्य डेयरी प्रोडक्ट्स है। बरहाल अब देखना होगा कि क्या यह करोड़ों रुपए का घी बिकता है या नहीं।