एक गलती और राजस्थान में हो गईं 11 हजार मौतें, आप नहीं संभले तो अगला नंबर आपका

Published : Dec 30, 2024, 04:20 PM ISTUpdated : Dec 30, 2024, 04:23 PM IST
accidents in Rajasthan

सार

राजस्थान में सड़क हादसों में लगातार बढ़ोतरी चिंताजनक है। हजारों जानें जा रही हैं, ब्लैक स्पॉट्स पर खतरा बना हुआ है। क्या सुरक्षा उपाय नाकाफी हैं?

जयपुर. राजस्थान में सड़क हादसों का बढ़ता आंकड़ा सरकार और जनता दोनों के लिए चिंता का विषय बनता जा रहा है। राज्य में सड़क सुरक्षा पर करोड़ों रुपये खर्च किए जाने के बावजूद भी हादसों में कोई खास कमी नहीं देखी जा रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि सड़क इंजीनियरिंग में सुधार और यातायात नियमों की कड़ी पालना ही इन दुर्घटनाओं को रोकने का सही उपाय है। लोग नियमों का पालन नहीं करते, जिसके कारण राजस्थान में इस साल करीब 11 हजार लोगों की मौतें हुई हैं।

हर दिन मौत का आंकड़ा बढ़ रहा

प्रदेश में जनवरी से नवंबर 2024 तक 22,934 सड़क हादसे दर्ज किए गए, जिसमें 10,718 लोगों ने अपनी जान गंवाई। इन हादसों में 21,511 लोग घायल हुए। यह आंकड़े पिछले वर्ष के मुकाबले लगभग समान हैं, जिससे यह साफ है कि अब तक के प्रयासों का अपेक्षित परिणाम नहीं मिला है।

ब्लैक स्पॉट्स की समस्या बरकरार

राज्य में 900 ब्लैक स्पॉट्स की पहचान की गई है, जो दुर्घटनाओं का प्रमुख कारण बने हुए हैं। इन स्थानों पर सुधार कार्य धीमा है, जिसके चलते हर साल हजारों लोग अपनी जान गंवा रहे हैं। जयपुर, उदयपुर, सीकर और बीकानेर जैसे जिलों में हादसों के मामले सबसे अधिक हैं। उदयपुर में 519 , सीकर में 385 , बीकानेर में 358 , अलवर में 341, अजमेर में 306, पाली जिले में 300 मौत एक साल में हुई है। जयपुर शहर में भी करीब 300 से ज्यादा लोगों ने दम तोड़ दिया है।

दिसंबर में बढ़े हादसे

दिसंबर का महीना हादसों के लिहाज से सबसे खतरनाक साबित हो रहा है। जयपुर में ही कई बड़े हादसे हुए हैं, जिनमें कई लोग जान गंवा चुके हैं। जयपुर के भांकरोटा क्षेत्र में हुए गैस टैंकर हादसे ने पूरे राज्य को हिला कर रख दिया। विशेषज्ञों का कहना है कि दिसंबर में कोहरे और दृश्यता में कमी के चलते हादसों की संख्या बढ़ जाती है।

सावधानी के लिए सड़क सुरक्षा अभियान

ऐसा नहीं है सड़क हादसे रोकने के लिए राजस्थान सरकार प्रयास नहीं करती ? हर साल जनवरी में सड़क सुरक्षा सप्ताह मनाया जाता है । जिसमें यातायात पुलिस, परिवहन विभाग , जिला प्रशासन समेत अन्य विभाग हर जिले में ट्रैफिक नियमों का पालन करने के बारे में लोगों को जानकारी देते हैं और हादसों के बारे में सतर्क करते हैं। इसके अलावा हर साल रोड इंजीनियरिंग पर भी बड़ी संख्या में पैसा खर्च किया जाता है । लेकिन उसके बावजूद भी लोग लापरवाही करते हैं और सड़क हादसे होते हैं । हर साल नए वाहनों की संख्या भी कई गुना बढ़ जाती है।

यह भी पढ़ें-जयपुर में 19 लोगों के जिंदा जलने के बाद सरकार का बड़ा एक्शन, उठाया यह कदम

 

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