जिस लड़की को बोझ समझकर खुद मां बाप ने बचपन में छोड़ दिया था। उस लड़की से शादी करने के लिए लड़कों की लाइन लग गई। ऐसे में योग्य वर चुनने के लिए नारी निकेतन के स्टॉफ ने इंटरव्यूह लिया। जिसके बाद दूल्हा फाइनल किया गया।
जोधुपर. हम बात कर रहे राजस्थान के जोधपुर की। यहां एक बच्ची को उसके परिजन सालों पहले ही बोझ समझकर नारी निकतेन में छोड़ गए थे। बच्ची यहीं पढ़ लिखकर न सिर्फ बढ़ी हुई बल्कि उसने संगीत में महारत हासिल कर अपना नाम भी रोशन किया। यही कारण है कि जब उसकी उम्र शादी लायक हुई तो उससे शादी करने के लिए लड़कों की लाइन लग गई थी। ऐसे में बॉयोडाटा के आधार पर पहले चार लड़कों का चयन किया। फिर उन्हें बुलाकर इंटरव्यूह आदि के माध्यम से एक को फाइनल किया।
अपनों ने छोड़ा, संगीत में किया एमए
जोधुपर के नारी निकेतन में रहने वाली इस लड़की का नाम इंदु है। चूंकि वह दिव्यांग है इस कारण उसे बचपन में ही घरवालों ने लवकुश गृह में छोड़ दिया था। इसके बाद उसने दिन रात मेहनत करके न सिर्फ पढ़ाई की बल्कि संगीत की शिक्षा भी शुरू कर दी। जिसमें देखते ही देखते वह निपुण हो गई। उसने संगीत में ही एमए कर लिया।
इंदु के लिए लगी लड़कों की लाइन
इंदु की शादी लायक उम्र होने पर नारी निकेतन ने उसकी शादी करने का फैसला लिया। इसके लिए विज्ञपति निकालकर आवेदन मांगे गए। तो करीब 14 लड़कों ने इंदु से शादी करने के लिए आवेदन किया। जिसमें से सभी आवेदनों पर गौर करने के बाद नारी निकेतन द्वारा 4 लड़कों को बुलाया गया। जिनमें से एक लड़के को योग्यता और इंदु की पंसद अनुसार फाइनल किया गया।
नारी निकेतन में हुई शादी
इंदु की शादी नारी निकेतन में हुई तो लोग देखकर दंग रह गए। क्योंकि उसकी शादी धूमधाम से हुई। शादी में प्रशासनिक अधिकारी से लेकर जनप्रतिनिधि तक मौजूद रहे। लोगों ने भी इस शादी में शामिल होकर दूल्हा दुल्हन को शुभकामनाएं दी। इंदु की शादी मघाराम नामक युवक से हुई, जो प्राइवेट काम करता है। शादी में नारी निकेतन के अलावा कुछ समाजसेवी द्वारा मदद की गई।
ओसियां से आई बारात
इंदु से शादी करने के लिए मघाराम ओसियां से बारात लेकर पहुंचा तो नारी निकेतन द्वारा बारात का बेहतरीन स्वागत किया गया। इसके बाद दूल्हा दुल्हन ने सात फेरे लिए। जब इंदु की बिदाई हुई तो नारी निकेतन के स्टॉफ के लोगों की आंखों से आंसू छलक उठे।