राजस्थान में घुमंतू जातियों की बालिकाओं को अब 50 प्रतिशत अंक प्राप्त करने पर ही स्कूटी प्रदान की जाएगी। काली बाई योजना के तहत बालिकाओं को गहलोत सरकार ने यह राहत दी है।
जयपुर. राजस्थान सरकार चुनावी साल में एक के बाद एक नई घोषणाएं कर रही है तो वहीं कई पुरानी योजनाओं में बदलाव कर भी जनता को राहत देने की कोशिश कर रही है। इसी के तहत मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश की घुमंतू एवं अर्द्धघुमंतू जाति की छात्राओं के लिए बड़ी राहत दी है।
घुमंतू जातियों की लड़कियों को 50% अंक पर स्कूटी
इन जातियों की छात्राओं को उच्च माध्यमिक या फिर उसके बराबर किसी पाठ्यक्रम में उच्च अंक प्राप्त करने पर स्कूटी का वितरण कालीबाई भील मेधावी छात्रा स्कूटी योजना के तहत किया जाता था। अब इस योजना के तहत स्कूटी प्राप्त करने वाली छात्रा को केवल 50% अंक लाने होंगे।
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घुमंतू और अर्द्धघुमंतु जाति की छात्राओं को सहूलियत
इससे पहले इन वर्गों को स्कूटी प्राप्त करने के लिए कम से कम 60% अंक जबकि केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की परीक्षाओं में कम से कम 70% अंक लाने होते थे। वहीं अब देवनारायण छात्रा स्कूटी योजना की तर्ज पर घुमंतू और अर्द्धघुमंतु जाति की छात्राओं के लिए सरकार ने कालीबाई भील योजना में राहत प्रदान की है। योजना के तहत इन जातियों की विशेष योग्यजन छात्रों के लिए 6 स्कूटी रिजर्व भी रखी जाएगी। यदि उन पर कोई छात्रा नहीं आती है तो फिर उन स्कूटी का वितरण सामान्य छात्राओं को कर दिया जाएगा।
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अगले सत्र में ही हो सकेगा स्कूटी वितरण
सरकार की इस योजना का लाभ अब छात्राओं को अगले सत्र में ही मिल पाएगा क्योंकि रिजल्ट आने के बाद स्कूटी वितरण के लिए छात्राओं का चयन करने में करीब 4 से 5 महीने का समय लग जाता है लेकिन राजस्थान में इस साल रिजल्ट आने के 4 महीने बाद ही विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में स्कूटी वितरण हो पाना संभव नहीं है। ऐसे में संभावना है कि अगले सत्र में ही स्कूटी का वितरण किया जाए।