भारत-पाक में कितनी भी हो दुश्मनी, लेकिन यहां पाकिस्तानियों हर साल बुलाते

Published : Jan 06, 2025, 11:47 AM IST
pakistani pilgrims

सार

अजमेर में 813वें ख्वाजा गरीब नवाज उर्स में 107 पाकिस्तानी जायरीन शामिल होंगे। भारत-पाकिस्तान के बीच तीर्थ यात्रा समझौते के तहत वे विशेष ट्रेन से अजमेर पहुंचेंगे और उर्स में भाग लेंगे। प्रशासन ने उनके ठहरने और सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए हैं।

अजमेर (राजस्थान). अजमेर में 813वें ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के उर्स के अवसर पर पाकिस्तानी जायरीन का जत्था आने वाला है। भारत और पाकिस्तान के बीच 1974 में हुए तीर्थ यात्रा समझौते के तहत हर साल उर्स के दौरान पाकिस्तानी जायरीन दरगाह में जियारत और चादर चढ़ाने आते हैं। इस साल भी 6 और 7 जनवरी की रात में करीब 107 पाकिस्तानी जायरीन विशेष ट्रेन से अजमेर पहुंचेंगे। वे 10 जनवरी तक अजमेर में रुककर उर्स में भाग लेंगे।

अजमेर में कैसी है जायरीन के लिए सुविधाएं…

जायरीन के ठहरने और अन्य सुविधाओं के लिए प्रशासन ने विशेष प्रबंध किए हैं। उन्हें केंद्रीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय, पुरानी मंडी में ठहराया जाएगा। यहां सोने के लिए कमरे, गर्म पानी और नमाज के लिए ओपन हॉल जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं। प्रशासनिक अधिकारियों ने इन व्यवस्थाओं का निरीक्षण भी किया है।

तीन दिन भारत में सम्मान के साथ रहेंगे पाकिस्तानी

जायरीन के भारत आगमन के 24 घंटे के भीतर उनका सी-फॉर्म ऑनलाइन सबमिट करना अनिवार्य होगा। वे वाघा बॉर्डर से भारत आएंगे और 7 जनवरी को सुबह 6:10 बजे दिल्ली से रवाना होकर दोपहर 1:00 बजे अजमेर पहुंचेंगे। उर्स के समापन के बाद, 10 जनवरी को वे पाकिस्तान लौट जाएंगे।

पाकिस्तानियों की सुरक्षा में होगी भारत की पुलिस

प्रशासन ने जायरीन की सुरक्षा के लिए विशेष इंतजाम किए हैं। उनके साथ हर समय एक पुलिसकर्मी और होमगार्ड जवान तैनात रहेगा। जायरीन को दरगाह जाने के लिए विशेष वाहन सुविधा दी जाएगी। हालांकि, वे अजमेर में खरीदारी या किसी अन्य व्यक्ति से मिलने के लिए स्वतंत्र नहीं होंगे।

पहली बार छठी के दिन शामिल होंगे जायरीन

अंजुमन सैयदजादगान के उर्स कन्वीनर सैयद हसन हाशमी ने बताया कि इस बार पाकिस्तानी जायरीन पहली बार उर्स के छठे दिन शामिल होंगे। 7 जनवरी को सुबह 11:00 बजे "छठी की फातिहा" शुरू होगी। हालांकि, इस बार जायरीन की संख्या कम है, लेकिन उनके स्वागत और देखभाल के लिए विशेष तैयारियां की गई हैं। ख्वाजा गरीब नवाज का उर्स भारत-पाकिस्तान के सांस्कृतिक और धार्मिक संबंधों का प्रतीक है, जो दोनों देशों के श्रद्धालुओं को जोड़ता है।

यह भी पढ़ें-एक शख्स नहीं चाहता PM मोदी अजमेर दरगाह पर चढ़ाएं चादर, कोर्ट पहुंचा...आज फैसला

 

 

PREV

राजस्थान की राजनीति, बजट निर्णयों, पर्यटन, शिक्षा-रोजगार और मौसम से जुड़ी सबसे जरूरी खबरें पढ़ें। जयपुर से लेकर जोधपुर और उदयपुर तक की ज़मीनी रिपोर्ट्स और ताज़ा अपडेट्स पाने के लिए Rajasthan News in Hindi सेक्शन फॉलो करें — तेज़ और विश्वसनीय राज्य समाचार सिर्फ Asianet News Hindi पर।

Recommended Stories

जयपुर-बीकानेर हाईवे पर बड़ा हादसा: बस और ट्रक की जोरदार टक्कर, 3 की मौत, 28 घायल
वायरल वीडियो का कमाल-मिल गया 15 साल से लापता 'लाल', पूर्व सैनिक की इमोशनल कहानी