
pension crisis in rajasthan : राजस्थान में सेवानिवृत्त बिजलीकर्मियों के लिए आने वाला समय बेहद कठिन होता जा रहा है। राज्य में आरएसईबी (राजस्थान स्टेट इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड) और उससे बनी पांच विद्युत कंपनियों से रिटायर्ड करीब 55 हजार कर्मचारियों की पेंशन पर संकट मंडरा रहा है। दरअसल, इन कर्मचारियों के पेंशन फंड में भारी वित्तीय संकट खड़ा हो गया है। आंकड़ों के अनुसार, बिजली निगमों को अब तक करीब 30 हजार करोड़ रुपये पेंशन फंड में जमा कराने चाहिए थे, लेकिन वास्तविकता यह है कि वर्तमान में फंड में केवल 6 करोड़ रुपये की राशि बची है। निगम पर 24 हजार करोड़ रुपये की देनदारी है, लेकिन इस राशि को लेकर कोई ठोस कार्य योजना नहीं बनाई गई है।
राजस्थान में साल 2000 में आरएसईबी के विघटन के बाद पांच नई विद्युत कंपनियां बनाई गई थीं। तब से इन कंपनियों को पेंशन फंड में नियमित अंशदान करना था। लेकिन साल दर साल केवल नाममात्र की राशि जमा की जाती रही और बकाया बढ़ता गया। इससे अब पेंशन देने की व्यवस्था पूरी तरह डगमगा गई है।
सरकार ने भले ही हाल ही में सेवानिवृत्त कर्मचारियों का महंगाई भत्ता (DA) बढ़ाया हो, लेकिन जब फंड ही खाली हो तो इस वृद्धि का लाभ भी कागजी ही रह जाएगा। पेंशन का इंतजार कर रहे बुजुर्ग कर्मचारी आज अपनी बुनियादी जरूरतों को लेकर चिंतित हैं। कई को दवाइयों, इलाज और घरेलू खर्च के लिए भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
विशेषज्ञों का कहना है कि अगर जल्द ही इस दिशा में सरकार और निगम कोई ठोस कदम नहीं उठाते हैं, तो यह संकट और गहराएगा और हजारों परिवारों की आर्थिक स्थिति पर सीधा असर डालेगा। अब निगाहें सरकार की अगली रणनीति पर टिकी हैं—क्या वह पेंशनधारकों की उम्मीदों पर खरी उतरेगी या यह संकट और विकराल रूप लेगा?
वहीं कुछ जानकारों का कहना है कि कहीं राजस्थान सरकार ओल्ड पेंशन स्कीम बंद तो नहीं करने वाली है। सोशल मीडिया पर कुछ इसको लेकर पोस्ट भी शेयर कर रहे हैं। हालाकि ऐसा कुछ नहीं, सरकार की तरफ से पेंशन बंद करने कोई बात नहीं कही गई है। यह सिर्फ एक अफवाह है, एशियानेट न्यूज भी इसकी पुष्टि नहीं करता है। वहीं जानकारों का कहना है कि बस कुछ समय के लिए भजनाल सरकार के सामने भारी वित्तीय संकट आ गए है, इसलिए पेंशन फंड रिलीज नहीं हुआ है।
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