पिता शहीद हुए तो बेटी का कन्यादान करने पहुंचे फौजी, रुपया पैसा, सोने चांदी के गहने सहित दिये सभी उपहार, आंखें हो गई नम

पिता के शहीद होने के बाद बेटी का शादी हुई तो पिता का फर्ज निभाने के लिए फौजी पहुंच गए। उन्होंने बेटी को आशीर्वाद देने के साथ वह सबकुछ दिया जो एक पिता और भाई करता है। ये देखकर बेटी सहित पूरे गांव वालों की आंखें भर आई।

 

subodh kumar | Published : Apr 26, 2024 7:09 AM IST / Updated: Apr 26 2024, 12:46 PM IST

अलवर. राजस्थान के अलवर शहर से खबर है। चार बेटियों के पिता साल 2010 में शहीद हो गए। जब पहली बेटी की शादी होने लगी तो पिता की याद में वह खूब रोई, लेकिन जब पिता के फौजी साथी विवाह स्थल पहुंचे और पिता की तरह बेटी का कन्यादान किया तो लोगों की आखें नम हो गई। इस शादी की चर्चा पूरे देश में हो रही है। लोग सोशल मीडिया पर आर्मी के लिए लगातार कमेंट कर रहे हैं।

सीआरपीएफ में थे पिता

दरअसल अलवर जिले के राजगढ़ क्षेत्र में दुब्बी गांव में रहने वाले राकेश मीणा सीआरपीएफ में थे। वे साल 2010 में शहीद हो गए थे। गांव में उनकी एक प्रतिमा भी बनाई गई थी। परिवार में चार बेटियां थीं। पहली बेटी सारिका की शादी 23 अप्रेल को हुई। लेकिन पिता मौजूद नहीं थे। सारिका अपने पिता को याद ही कर रही थी कि फेरे से कुछ घंटों पहले बड़ी संख्या में सीआरपीफ के फौजी वहां आ पहुंचे।

रुपया पैसा और उपहार में दिए फ्रीज, टीवी, वाशिंग मशीन

उन्होनें पिता की तरह फर्ज निभाया। विशेष कोष के जरिए एक लाख पचास हजार रूपए सारिका को दिए गए। उसके अलावा फौजी साथियों में से किसी ने फ्रीज, टीवी, वॉशिंग मशीन, मिक्सर समेत कपड़े और गहने दूल्हा एवं दुल्हन को उपहार में दिए। भाई की तरह दुल्हन को चुनरी ओढाई, कन्या दान सेना के अफसर ने किया। गांव में शहीद की बेटी की शादी में ऐसा माहौल देखकर लोगों की आखें नम हो गई। शादी के फोटो और वीडियो सोशल मीडिया पर छाए हुए हैं।

 

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