अलवर राजस्थान में एक ​दिन पहले ही निकाला ताजियों का जुलूस, जानिए क्या थी वजह

Published : Jul 17, 2024, 01:41 PM IST
Muharram Tajiya

सार

राजस्थान के अलवर शहर में मुस्लिम समाजजनों ने मुहर्रम के एक दिन पहले ही ताजियों का जुलूस निकाल लिया। इसे शहर में हिंदू मुस्लिम कौमी एकता की मिसाल के रूप में देखा जा रहा है। क्योंकि बुधवार से यहां भगवान जगन्नाथ मेले की शुरुआत हो गई है।

अलवर. जहां देशभर में 17 जुलाई को मोहर्रम मनाया गया। हर जगह बुधवार को मोहर्रम के ताजियों का जुलूस निकल रहा है। वहीं राजस्थान के अलवर शहर में मुस्लिम समाज ने एक दिन पहले ही 16 जुलाई को ताजियों का जुलूस निकाल लिया। ताकि हिंदू समाज भी भगवान जगन्नाथ के पांच दिवसीय मेले का आयोजन अच्छे से कर सके। मुस्लिम समाज के इस सराहनीय कदम की पूरे राजस्थान में वाह वाही हो रही है।

मोहर्रम का जुलूस निकाला

दरअसल हर साल की तरह इस साल भी अलवर शहर से होकर जूलूस निकाला गया। लेकिन इस साल मुहर्रम के दिन ही भगवान जगन्नाथ का मेला शुरू होना है जो अगले चार से पांच दिन जारी रहेगा। इस मेले में राजस्थान के कई शहरों के लोग शामिल होते हैं और ये मेला शहर के अंदर लगता है। इसमें लाखों की संख्या में लोग आते हैं। इस साल भी यह मेला लगाया जा रहा है।

जहां से निकलने थे ताजिए वहां मेला

जिस जगह पर मेला लगाया जा रहा है। वहां से आज यानी बुधवार को मुहर्रम का जूलूस निकलना था, लेकिन भीड़ और परेशानी के कारण इस बार मुस्लिम समाज ने एक दिन पहले ही यानी मंगलवार को ही ताजिया का जूलूस निकाल लिया। यह जूलूस शहर के बीचों बीच से निकला और उसके बाद ताजियों को कर्बला मैदान पहुंचा दिया गया। फिर समाज के कुछ लोग वहां ताजियों की सुरक्षा के लिए ठहरे और अन्य वहां से चले गए।

कर्बला में सुपुर्द ए खाक होंगे ताजिए

अब आज रात को समाज के लोग सीधे ही कर्बला मैदान पहुंचेंगे और ताजियों को सुपुर्दे ए खाक किया जाएगा। बताया जा रहा है कि पहले ये आयोजन आज ही के दिन रखा गया था। समाज का कहना था कि वे लोग शहर के बाहरी हिस्सों से ताजिया ले जाएंगे, लेकिन बाद में जब हिंदु समाज के लोगों ने ताजिया निकालने वाले समाज के बड़े लोगों से बातचीत की तो उन्होनें ताजिया एक दिन पहले ही निकालने की हांमी भर दी और कल रात ताजिया निकाल लिए गए।

यह भी पढ़ें : 594 किमी लंबा गंगा एक्सप्रेस वे, सिर्फ 7 घंटे में प्रयागराज से दिल्ली

यहां से निकलते हैं ताजिये

अलवर में बड़ा ताजिया मेव बोर्डिंग से और छोटा ताजिया नंगली मोहल्ले से निकाला जाता है। इसके अलावा छोटे और बड़े मिलाकर करीब बीस से भी ज्यादा ताजियां निकाले जाते हैं जिनमें हजारों की संख्या में समाज के लोग शामिल होते हैं। ये ताजिया शहर के बीचों बीच मस्जिदों और दरगाहों के आगे से ले जाए जाते हैं। इस दौरान पट्टे और कलाबाज, तलवारबाजी, लाठी चलाना और अन्य हुनर पेश करते हैं।

यह भी पढ़ें : 18 जुलाई को खुलेगा जगन्नाथ पुरी का खजाना, मंदिर में प्रवेश पर रहेगा प्रतिबंध

 

PREV

राजस्थान की राजनीति, बजट निर्णयों, पर्यटन, शिक्षा-रोजगार और मौसम से जुड़ी सबसे जरूरी खबरें पढ़ें। जयपुर से लेकर जोधपुर और उदयपुर तक की ज़मीनी रिपोर्ट्स और ताज़ा अपडेट्स पाने के लिए Rajasthan News in Hindi सेक्शन फॉलो करें — तेज़ और विश्वसनीय राज्य समाचार सिर्फ Asianet News Hindi पर।

Recommended Stories

जयपुर के मशहूर स्कूल पर IT रेड: करोड़ों कैश मिला-मशीन से गिने गए नोट
हनुमानगढ़ में क्यों हो रहा बवाल : घर छोड़कर भागे लोग, पुलिस ने दागे गोले-इंटरनेट बंद