राजस्थान में साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए बीजेपी और कांग्रेस ने शंखनाद कर दिया है। इसी बीच असदुद्दीन ओवैसी ने बड़ी घोषणा की है कि उनकी पार्टी AIMIM सभी 200 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी। ओवैसी की एंट्री से किसे होगा फायदा।
जयपुर. राजस्थान में विधानसभा चुनाव में महज 5 महीने से भी कम का समय बाकी है। एक तरफ जहां कांग्रेस और बीजेपी ने अपना चुनावी प्रचार शुरू कर दिया है। दोनों ही पार्टियां अपने प्रचार के लिए केंद्रीय नेताओं को राजस्थान में बुला रही है। इसी बीच राजस्थान में तीसरे मोर्चे कहे जाने वाले असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM की एंट्री हो चुकी है। ओवैसी राजस्थान में सबसे पहले राजस्थान की राजधानी जयपुर से अपनी चुनावी शंखनाद की शुरुआत करेंगे। जयपुर के रामलीला मैदान में ओवैसी आज शाम को एक बड़ी सभा करने जा रहे हैं। जिसमें प्रदेशभर से पार्टी के नेता और कार्यकर्ता शामिल होंगे।
ओवैसी के राजस्थान में चुनाव लड़ने से क्या बीजेपी को होगा फायदा
हालांकि इससे पहले ओवैसी ने राजधानी में रैली करने के लिए अन्य जगहों की मांग की लेकिन वह उन्हें जगह नहीं मिली। जिसके बाद अब जयपुर के रामलीला मैदान की जगह निश्चित हो पाई है। माना जा रहा है कि आज की इस सभा में करीब 10 हजार से ज्यादा लोग शामिल होंगे। राजनीतिक जानकारों की माने तो ओवैसी की पार्टी के 200 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने से फायदा भारतीय जनता पार्टी को है क्योंकि पार्टी राजस्थान में ज्यादातर अल्पसंख्यक प्रत्याशियों को टिकट देगी। जो कांग्रेस का वोट बैंक है। ऐसे में इससे सेंध कांग्रेस के वोटों को ही लगने वाली है। इस बात से भी नकारा नहीं जा सकता कि यह पार्टी भारतीय जनता पार्टी का विकल्प B है।
गहलोत को मात देने के लिए असदुद्दीन ओवैसी का मास्टर प्लान
वही आपको बता दें कि राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सरकार को घेरने के लिए असदुद्दीन ओवैसी ने मास्टर प्लान बनाया हुआ है। ओवैसी ने राजस्थान में मुस्लिमों की सामाजिक आर्थिक और शैक्षणिक हालातों को लेकर एक रिपोर्ट तैयार करवाई थी। इतना ही नहीं इसके अलावा राजस्थान में मुस्लिमों के राजनीतिक प्रतिनिधित्व पर भी एक रिपोर्ट तैयार करवाई थी। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि राजस्थान में मुस्लिमों के साथ हुए पिछड़ेपन और भेदभाव को ही राजस्थान में असदुद्दीन ओवैसी मुद्दा बनाएंगे।