राजस्थान के दौसा जिले में यूपी के विकास द्विवेदी को आठवीं बार सांप ने काटा है। विकास का दावा है कि सांप ने उसे सपने में नौ बार काटने की धमकी दी थी। वह मेंहदीपुर बालाजी के शरण में था।
दौसा. राजस्थान के दौसा जिले से बड़ी खबर है। जिस विकास की चर्चा पूरे देश में हो रही है कि उसे सात बार सांप काट चुका है, स्नेक बाइट से बचने के लिए वह यूपी के मेंहदीपुर बालाजी के शरण में आया था। लेकिन अब सूचना है कि विकास को फिर से सांप ने डस लिया है। उसे आठवीं बार सांप से काटा है। सपने में आकर सांप ने उसे नौ बार काटने की धमकी दी थी। इस बार स्नेक बाइट के बाद उसके पिता का भी बयान आया है।
कौन है यूपी का विकास, क्यों उसे बार-बारकाट रहा सांप
दरअसल विकास द्विवेदी यूपी के फतेहपुर का रहने वाला है। इन दिनों पूरे देश में उसकी चर्चा है। उसका दावा है कि यूपी में अलग अलग शहरों में रहने के बाद भी एक महीने के दौरान उसे सात बार सांप ने काटा है। सांप से बचने के लिए वह पिछले दस दिनों से मेंहदीपुर बालाजी के शरण में था। वहां पर उसे फिर से सांप ने काटा है। विकास के पिता का कहना है कि उसके शरीर पर आठवीं बार सांप के काटने के निशान मिले हैं। गनीमत रही कि उसे बालाजी के आर्शीवाद से कुछ नहीं हुआ। विकास का कहना है कि सांप ने उसे नौ बार काटने की धमकी सपने में दी थी। बार बार सांप के काटने की गुत्थी सुलझ नहीं रही है। कुछ लोगों का कहना है कि उसे एक या दो बार सांप ने काटा है और उसे सांप का फोबिया हो गया है। उसे ऐसा बार बार लगता है कि सांप उसे काट रहा है। इसका सीधा कनेक्शन उसके सपने से भी हो सकता है।
बालाजी के दर्शन कर लौट रहे थे तो पैरों पर मिले निशान
विकास की मामी रेणु का कहना है कि जब सोमवार शाम को हम बालाजी के दर्शन करने के बाद वापस अपनी धर्मशाला की ओर लौट रहे थे तो विकास की नजर पैरों पर गई। वहां पर सांप के काटने के ताजा निशान मिले। माना जा रहा है कि मंदिर से बाहर निकलने के दौरान या मंदिर परिसर में सांप ने काटा है। हांलाकि किसी ने उसे देखा नहीं। परिवार का कहना है कि डर ये है कि विकास को अगर नवीं बार सांप काटता है तो वह जिंदा नहीं बचेगा। इसी बात का सबको डर है।
विकास ने कहा शरीर पहले ही बता देता है-सांप आने वाला है....
विकास का कहना है कि सांप के आने से पहले दायीं या बाई आंख फडकने लग जाती है। जैसे ही सांप काटता है तो वह बंद हो जाती है। ऐसा कई बार हो चुका है। इस बारे में जब बालाजी ट्रस्ट से बात की तो उन्होनें खास सुविधा दी। बालाजी की मूर्ति के सामने बैठने और विशेष पूजा की अनुमति दी, इस कारण जान बच गई। अब नवीं बार सांप काटने का डर सता रहा है।