
डूंगरपुर. आपने राजस्थान में फर्जी डॉक्टर मतलब झोलाछाप डॉक्टर की कई कहानियां सुनी होगी लेकिन क्या कभी ऐसा मामला देखा है जब कोई सफाई कर्मचारी डॉक्टर बनकर इलाज कर रहा हो। ऐसा ही एक मामला राजस्थान के डूंगरपुर जिले से सामने आया है। यहां मेडिकल डिपार्टमेंट की टीम ने एक फर्जी हॉस्पिटल को सीज किया है।
3 साल से चल रहा था अस्पताल
बताया जा रहा है कि ये अस्पताल एक दो नहीं बल्कि 3 साल से चल रहा था। ये अस्पताल महज 10 फेल और सफाई कर्मचारी का काम करने वाले शख्स ने डाल रखा था। ये जानकर हर कोई हैरान है।
अस्पताल में सफाई करते करते बना डॉक्टर
मेडिकल डिपार्टमेंट की टीम के अनुसार जितेंद्र भगोरा नाम का एक युवक 3 साल पहले तक अहमदाबाद के एक प्राइवेट अस्पताल में सफाई कर्मचारी था। इसके बाद उसने डूंगरपुर जाकर फर्जी अस्पताल खोला। वह अपने आप को डॉक्टर बताता था। चौंकाने वाली बात तो यह है कि जब मेडिकल टीम अस्पताल में कार्रवाई करने के लिए पहुंची तो वहां एक महिला एडमिट थी जिसकी 1 दिन पहले ही डिलीवरी हुई थी और दूसरी महिला भी अन्य बेड पर थी जिसे उल्टी दस्त की शिकायत थी। इन दोनों को सरकारी अस्पताल में शिफ्ट किया गया।
सीख लिया था ये काम
अब तक की इन्वेस्टीगेशन में सामने आया है कि गुजरात में नौकरी करने के दौरान जितेंद्र ने डिलीवरी करवाना, ड्रिप लगाना जैसे काम सीख लिए और इसके बाद अस्पताल शुरू किया। आरोपी जितेंद्र खुद को एमबीबीएस होल्डर बताता था और अपने हॉस्पिटल में आने वाले मरीजों का स्पेशलिस्ट की तरह इलाज करता था।
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गर्भपात भी करवाता था डॉक्टर
इतना ही नहीं मेडिकल डिपार्टमेंट की टीम को अस्पताल से कई गर्भपात करवाने वाली दवाइयां भी मिली है। फिलहाल अब इस मामले में भी मेडिकल टीम उससे पूछताछ कर रही है। जब जितेंद्र के यहां कोई केस बिगड़ने लगता तो वह उसे सरकारी अस्पताल में रेफर कर देते।
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