जयपुर (jaipur). राजस्थान में विधानसभा चुनाव होने में अब महज कुछ ही महीनों का समय बाकी है। इसी बीच सियासी पार्टियों में उठापटक का दौर शुरू हो चुका है। शुक्रवार के दिन राजस्थान की राजनीति में बड़ा भूचाल देखने को मिलेगा। जब कांग्रेस के दिग्गज नेता माने जाने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री सुभाष महरिया आज भारतीय जनता पार्टी ज्वाइन करेंगे। महरिया के अलावा पूर्व रिटायर्ड आईपीएस रामदेव, राजपूत नेता लोकेंद्र कालवी के बेटे भवानी सिंह सहित अन्य कुछ नेता आज से बीजेपी की शरण में जाने वाले हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस का मजबूत स्तंभ टूटता हुआ दिखाई दे रहा है।
सचिन पायलट ने कभी ज्वाइन कराई थी कांग्रेस
अब सबसे पहले बात पूर्व केंद्रीय मंत्री सुभाष महरिया की। जो जाट समुदाय से आते हैं। राजस्थान के शेखावटी एरिया में बीते दो दशक से राजनीति में सक्रिय सुभाष महरिया कई बार सांसद रह चुके हैं। इसके अलावा केंद्र में मंत्री भी रह चुके हैं। लेकिन जब भाजपा से एक बार चुनाव हारने के बाद में उन्हें टिकट नहीं मिला तो उन्होंने कांग्रेस का दामन थाम लिया। उन्हें कांग्रेस में सचिन पायलट लेकर आए थे। इसके बाद 2018 के विधानसभा चुनाव में उन्हें सांसद का टिकट मिला। लेकिन इसमें भी उनका सिक्का नहीं चला और हार गए। इधर जाट प्रत्याशी होने के चलते चुनाव के बाद से ही लगातार भाजपा सुभाष महरिया को अपनी तरफ लाने के प्रयास में जुटी हुई थी। माना जा रहा है कि भाजपा अब सुभाष को सीकर की हॉट सीट कहीं जाने वाली पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा के सामने चुनाव लड़वा सकती है।
इन नेताओं ने भी छोड़ा कांग्रेस का साथ
वहीं यदि बात करें लोकेंद्र सिंह कालवी के बेटे भवानी सिंह की। ऐसे में माना जा रहा है कि भाजपा इन्हें अपने साथ शामिल कर राजस्थान में राजपूत वोट बैंक साधने का काम करेगी। क्योंकि लोकेंद्र सिंह कालवी को राजस्थान में राजपूत समाज में एक कद्दावर प्रतिनिधि माना जाता है। हालांकि आनंदपाल एनकाउंटर सहित कुछ मामलों को लेकर आज भी राजपूत समाज में आक्रोश व्याप्त है। लेकिन कयास लगाए जा रहे हैं कि चुनाव से पहले यह मामला सुलझा लिया जाएगा। इसके अलावा राजस्थान यूनिवर्सिटी के पूर्व छात्र संघ महासचिव रहे नरसी किराड़ और रिटायर्ड आईपीएस अफसर रामदेव खैरवा भी बीजेपी ज्वाइन करेंगे।
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