
जयपुर। चुनाव से दो दिन पहले राजस्थान की कांग्रेस सरकार को जोर का झटका लगा है। इससे सीएम गहलोत की टेंशन बढ़ गई है। चुनाव आयोग ने भाजपा की शिकायत के बाद गहलोत सरकार के मिस्ड कॉल वाले विज्ञापन पर रोक लगाने के लिए आदेश जारी किए हैं। आयोग ने इसे तुरंत प्रभाव से रोकने के लिए कहा है। चर्चा ये भी है कि विज्ञापन को रोक भी दिया गया है।
मोबाइल फोन से 7 गारंटियों का हो रहा था प्रचार
मोबाइल फोन के जरिए चल रहे इस विज्ञापन से कांग्रेस अपनी सरकार का प्रचार कर रही थी और जनता को सरकार की गांरटियों के बारे में बता रही थी। विज्ञापन में बताया जा रहा था कि कांग्रेस ने जनता को 7 गारंटियां दी हैं और इनमें से किसी भी गारंटी की ज्यादा जानकारी लेने और उसमें पात्र बनने के लिए जनता से नंबर दबवाए जा रहे थे।
कांग्रेस पर आचार संहिता उल्लंघन का आरोप
इस विज्ञापन पर भाजपा ने आपत्ति जताते हुए चुनाव आयोग में इसकी शिकायत दी थी। इसे आचार संहिता का उल्लंघन माना गया था। मामले में केंद्रीय मंत्री मनसुख मंडाविया और राजस्थान के कई भाजपा नेता ने चुनाव आयोग में इस बारे में शिकायत दर्ज कराई थी। उनका कहना था कि यह विज्ञापन, प्रचार के दायरे में आता है। यह आचार सहिंता का उल्लंघन है।
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चुनाव आयोग ने कांग्रेस से मांगा जवाब
भाजपा नेताओं ने कहा कि प्रेस काउंसिल के दिशा निर्देशों को भी यह पूरा नहीं करता है। अब चुनाव आयोग ने इस पर अंकुश लगाया है। कांग्रेस से इस बारे में जवाब भी मांगा है। सात गांरटियों का यह विज्ञापन न केवल मोबाइल फोन पर चल रहा था बल्कि समाचार पत्रों में भी इसके विज्ञापन दिए जा रहे थे।
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