राजस्थान चुनाव की दो सबसे रहस्यमयी तस्वीरें: जिनके बगैर BJP-कांग्रेस को नहीं मिलेगी सत्ता की चाबी

Published : Nov 22, 2023, 06:43 PM ISTUpdated : Nov 22, 2023, 06:53 PM IST
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सार

राजस्थान में चुनावी हल्ला खत्म होने वाला है। तीन दिन बाद 25 नवंबर को मतदान होगा। इसी बीत चुनाव से चार दिन पहले दो ऐसी तस्वीर सामने आई हैं जो बहुत कुछ बयां करती हैं। जिनके बिना राजस्थान की सियासत अधूरी सी है। 

जयपुर. राजस्थान में 23 नवंबर यानी गुरुवार शाम 5:00 बजे तक चुनाव के प्रचार का अंतिम समय है। उसके बाद प्रत्याशी प्रचार नहीं कर सकेंगे और 25 नवंबर को राजस्थान की जनता अपने नए मुख्यमंत्री को चुनने के लिए मतदान करेगी। परिणाम 3 दिसंबर को आने हैं। 3 दिसंबर को दोपहर बाद यह तय हो जाएगा कि आने वाले 5 साल किसके होने वाले हैं।‌ लेकिन चुनाव के बीच में अब राजस्थान से पिछले 24 घंटे में दो तस्वीर तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है और इन तस्वीरों पर लोग अलग-अलग कमेंट भी कर रहे हैं।

एक फ्रेम में नजर आए पीएम मोदी और वसुंधरा राजे

दरअसल चुनाव प्रचार के दौरान एक महीने में पहली बार वसुंधरा राजे और पीएम नरेंद्र मोदी एक ही फ्रेम में नजर आए हैं । अक्सर इन दोनों नेताओं के साथ अन्य कई नेता होते हैं, लेकिन ऐसा पहली बार हुआ है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे एक ही माला में दिखाई दे रही हैं । भारतीय जनता पार्टी के नेताओं का दबी जुबान में यह कहना है कि मोदी, वसुंधरा राजे को ज्यादा पसंद नहीं करते हैं । यही कारण रहा कि चुनाव में उनके काफी सारे नजदीकी नेताओं का टिकट काट दिया गया । दोनों नेताओं में आपस में काफी गैप है, लेकिन अब यह जो तस्वीर सामने आई है, लगता है सब कुछ सेटल हो गया है । यह भी माना जा रहा है कि अगर भारतीय जनता पार्टी राजस्थान में चुनाव जीत जाती है तो मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे हो सकती है।

पायलट का हाथ थामे दिखे गहलोत और राहुल गांधी

अब बात कांग्रेस के खेमे की... कांग्रेस के खेमे में दो सबसे बड़े नाम है । एक मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और दूसरा पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट। आधी कांग्रेस चाहती है सचिन पायलट मुख्यमंत्री बने और आदि कांग्रेस जाती है अशोक गहलोत फिर से कुर्सी संभाले । पूरे तीन से चार साल तक दोनों नेताओं के बीच में वाक युद्ध चलता रहा । एक ने कुर्सी पर बने रहने के लिए और दूसरे ने कुर्सी हासिल करने के लिए जी तोड़ मेहनत की। सारे दाव अजमा लिए । दोनों कई बार दिल्ली में आला कमान के सामने पेश भी हुए लेकिन बात नहीं बनी । हर बार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ही जीत होती रही। यही कारण रहा दोनों नेताओं में आपस में कभी नहीं बनी। सार्वजनिक मंच पर भी जब देखे गए तो दोनों तिरछी नजरों से एक दूसरे को देखते हुए पाए गए।

राहल ने गहलोत पायलट को फ्रेम में लेकर आए

गहलोत और पायलट दोनों एक ही फ्रेम में खुश नजर आ रहे हैं । जनता यह अंदाजा लगा रही है कि राहुल गांधी ने दोनों को एक तो कर ही दिया है लेकिन दोनों किस शर्त पर साथ आए हैं यह पता नहीं चल पा रहा है । राहुल गांधी पिछले दिनों जब जयपुर आए थे तब एयरपोर्ट पर दोनों ने राहुल गांधी का स्वागत किया था। उस समय भी राहुल गांधी ने दोनों का हाथ पकड़ लिया था और अपने साथ चलने को कहा था। अब फिर से यह तस्वीर सामने आ रही है । जब तीनों बड़े नेता एक फ्रेम में है । देखना यह होगा कि अब राजस्थान में अगर कांग्रेस की सरकार बनती है तो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत होंगे या पायलट। लास्ट में सबसे बड़ी बात यह है कि दोनों पार्टी यानी भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व में अभी तक किसी भी नेता को मुख्यमंत्री के तौर पर पेश नहीं किया है।

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