
जयपुर. देश के सर्वोच्च न्यायलय यानी सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान सरकार के फैसले पर सहमती दी है। दो बच्चों के बाद सरकारी नौकरी नहीं देने का एक मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा था। इस मामले में सरकार के फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने सही ठहराया है। याचिका दायर करने वाले को बड़ा झटका लगा है। मामला बेहद रोचक है। इस तरह के केस में सरकार के पक्ष में कोर्ट का मत आने के मामले बेहद ही कम देखने को मिलते हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने दिया फैसला
दरअसल पूर्व सैनिक की याचिका को खारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला दिया। न्यायमूर्ति सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि राजस्थान पुलिस अधीनस्थ सेवा नियम, 1989 के नियम 24 4, में साफ स्पष्ठ है कि कोई भी वह उम्मीदवार सेवा में नियुक्ति के लिए योग्य नहीं होगा जिसके एक जून 2002 के बाद दो से अधिक बच्चे हों। राम जी लाल नाम के एक पूर्व सैनिक ने राजस्थान सरकार के खिलाफ शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया था।
दो से अधिक बच्चों के कारण अयोग्य
रामजीलाल जाट 2017 में सेना से रिटायर हुए और अगले साल यानी साल 2018 में राजस्थान पुलिस में कांस्टेबल पद के लिए अप्लाई किया। लेकिन राजस्थान पुलिस सेवा नियमों के अनुसार वह योग्य नहीं थे। एक जून 2002 के बाद उनके दो से ज्यादा बच्चे थे और इसी कारण वे राजस्थान में सरकारी नौकरी के लिए अयोग्य थे। उन्होनें सरकार के इस नियम को चुनौती दी और निचली अदालतों से होता हुआ मामला सर्वोच्च न्यायलय तक जा पहुंचा। इस मामले में अब सर्वोच्च न्यायालय ने राजस्थान सरकार के नियमों को सही ठहराया है। रामजी लाल की याचिका को खारिज कर दिय गया है।
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