
सिरोही. राजस्थान सरकार किसानों की आमदनी बढ़ाने के साथ-साथ पर्यावरण अनुकूल खेती को बढ़ावा देने के लिए एक नई पहल के साथ सामने आई है। सिरोही जिले में "गोवर्धन जैविक उर्वरक योजना" (Govardhan Organic Fertilizer Scheme) की शुरुआत की गई है, जो किसानों को उनके पशुओं के गोबर से जैविक खाद बनाने के लिए प्रेरित कर रही है। इस योजना के तहत किसानों को अपने खेतों में वर्मी कम्पोस्ट यूनिट स्थापित करने पर 50% अनुदान या अधिकतम 10,000 रुपये तक की आर्थिक सहायता दी जा रही है। यह कदम किसानों को रासायनिक खादों की निर्भरता से बाहर निकालने और मिट्टी की सेहत सुधारने में मददगार साबित होगा।
कृषि विभाग के उप निदेशक ओमप्रकाश बैरवा ने जानकारी दी कि इच्छुक किसान "राज किसान साथी" पोर्टल पर जाकर या अपने नजदीकी ई-मित्र केंद्र से ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। सिरोही जिले के हर ब्लॉक से 50 किसानों को इस योजना में शामिल किया जाएगा।
इस योजना का लाभ लेने के लिए कुछ शर्तें भी तय की गई हैं। किसान के पास कम से कम तीन गोवंश पशु होने चाहिए और उसके नाम कृषि भूमि दर्ज होनी चाहिए। मंदिरों की भूमि के संरक्षक पुजारी भी इस योजना के पात्र माने गए हैं। किसान को अपने खेत में 20 फीट लंबी, 3 फीट चौड़ी और 2.5 फीट गहरी वर्मी कम्पोस्ट यूनिट खुद बनानी होगी। इस योजना से किसानों को सिर्फ सब्सिडी नहीं बल्कि जैविक उत्पादों से अधिक मूल्य मिलने की संभावनाएं भी बढ़ेंगी। गोबर अब सिर्फ कचरा नहीं, एक कमाई का साधन बन रहा है।
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