जोधपुर. राज्य हाईकोर्ट ने हाल ही में दो से अधिक संतान रखने वाले कर्मचारियों की पदोन्नति पर लगी रोक को हटा लिया है। यह निर्णय मुख्य न्यायाधीश एम एम श्रीवास्तव और न्यायाधीश उमाशंकर व्यास की खंडपीठ ने राज्य सरकार की ओर से किए गए अनुरोध के बाद लिया। कोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि इन कर्मचारियों की पदोन्नति की प्रक्रिया आगामी निर्णय के अधीन रहेगी।
इससे पहले 23 अगस्त 2023 को, संतोष व अन्य की याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने दो से अधिक संतान रखने वाले कर्मचारियों की पदोन्नति पर रोक लगा दी थी। इसका कारण यह था कि राज्य सरकार द्वारा जारी किए गए नियमों के तहत, जिन कर्मचारियों के पास दो से अधिक संतान हैं, उन्हें पदोन्नति का लाभ नहीं मिल पा रहा था।
हालांकि, राज्य सरकार ने 16 मार्च 2023 को एक नई अधिसूचना जारी की थी, जिसमें दो से अधिक संतान रखने वाले कर्मचारियों को पदोन्नति का लाभ देने का प्रावधान किया गया था। अतिरिक्त महाधिवक्ता विज्ञान शाह ने कोर्ट में इस अधिसूचना का हवाला देते हुए कहा कि यह प्रावधान याचिकाकर्ताओं की पूर्व में हुई पदोन्नतियों पर कोई असर नहीं डालता। उन्होंने यह भी कहा कि इससे पदोन्नति की पूरी प्रक्रिया में कोई रुकावट नहीं आनी चाहिए, और इसलिए कोर्ट को अपने पूर्व के आदेश को वापस लेना चाहिए।
कोर्ट ने राज्य सरकार के इस आग्रह को स्वीकार किया और आदेश दिया कि पदोन्नति प्रक्रिया को रोका नहीं जाएगा। हालांकि, कोर्ट ने यह भी कहा कि इस मामले में अंतिम निर्णय आने तक कर्मचारियों की पदोन्नति की प्रक्रिया किसी भी तरह के निर्णय के अधीन रहेगी। यह निर्णय राज्य के कर्मचारियों के लिए एक बड़ी राहत के रूप में आया है, जो लंबे समय से अपनी पदोन्नति का इंतजार कर रहे थे। अब वे अपने करियर को आगे बढ़ाने में सक्षम होंगे, बशर्ते कि आगामी न्यायिक निर्णय उनके पक्ष में आए।
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