राजस्थान के झालावाड़ में स्थित एक बैंक में हजारों अकाउंट को फ्रिज कर दिया गया है। इस तरह के मामले को लेकर जांच के आदेश दिए गए हैं। इसको लेकर बैंक की भी भूमिका संदेह के घेरे में हैं।
झालावाड़। राजस्थान के झालावाड़ में मनोहर थाना स्थित बड़ौदा क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक के 9 हजार खातों को सीज कर दिया गया। मामले सामने आने के बाद हड़कंप मच गया। जिला कलेक्टर ने जांच के लिए आदेश दिए हैं। इन खातों में एक साथ 34-34 हजार रुपए जमा हुए। कहा जा रहा था कि यह अमाउंट सरकारी है, जो गलती से खाते में आ गया। इस संबंध में झालावाड़ कलेक्टर ने जयपुर, टोंक समेत अलग-अलग जिलों के कलेक्टर को लेटर लिखा है और पैसों के ट्रांजैक्शन संबंधी जानकारी मांगी है।
बैंक ने पहले अकाउंट बंद किया और 8 हजार रुपए लेकर वापस चालू कर दिया। इस मामले को भी लेकर जांच के आदेश दिए गए हैं। सवाल है कि आखिर क्यों बैंक खातों में राजस्थान के अलग-अलग जिलों से पैसें आए तो कहां से आए? जानकारी के मुताबिक- खातों में 28 और 29 मार्च को पैसे जमा किए गए। अकाउंट होल्डर को पैसे आने का पता चला तो सभी बैंक पहुंच गए। जहां पर बैंक मैनेजर अश्विनी नायक ने उन्हें काम करने वाले नंदराम के पास भेज दिया। हालांकि, इसके बाद 2 अप्रैल को सभी बैंक अकाउंट फ्रीज कर दिए गए।
अकाउंट को दोबारा चालू करने के एवज में घूस ली गई
अकाउंट को दोबारा चालू करने के एवज में बाद में बैंक कर्मचारी ने कहा-"खाते तो बंद हो चुके हैं। अगर मुझे 8 हजार रुपए हर अकाउंट के दोगे तो उसे चालू करवाकर उसमें से पैसे निकाल कर दे दूंगा।" आरोप है कि करीब ढाई हजार बैंक खातों को पैसे लेकर वापस चालू भी कर दिया गया। लेकिन जब प्रशासन तक इसकी शिकायत पहुंची तो बैंक प्रशासन भी सकते में आ गया। मामले में लीड बैंक मैनेजर आशुतोष ने कहा-"बैंक प्रबंधन के खिलाफ, जो शिकायत मिली है उसकी जांच भी की जा रही है। जांच पूरी होने के बाद ही मामले में स्पष्ट रूप से कुछ कहा जा सकेगा।"
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