फौजियों की खान है झुंझुनू का धनूरी गांव, यहां से अब तक शहीद हो चुके हैं 18 बेटे

Published : Jul 17, 2024, 03:21 PM ISTUpdated : Jul 17, 2024, 04:21 PM IST
Jhunjhunu

सार

राजस्थान का झुंझुनू जिला ऐसा है, जहां के छोटे छोटे गांवों के युवा देश की सेवा कर रहे हैं। यहां एक ही गांव के 18 जवान अब तक शहीद हो चुके हैं। इस गांव में आज फिर दो पार्थिव शरीर पहुंच रहे हैं। 

झुंझुनू. जम्मू कश्मीर में हुई आतंकी मुठभेड़ में झुंझुनू जिले के दो बेटे विजेंद्र सिंह और अजय सिंह नरूका शहीद हो गए। आज दोनों की पार्थिव देह गांव आएगी। जहां सैन्य सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार होगा। इन दोनों की शहादत के बाद आज राजस्थान का झुंझुनू जिला देशभर में सुर्खियों में है। लेकिन क्या आप जानते हैं झुंझुनू जिला ही राजस्थान का एक ऐसा जिला है। जहां सबसे ज्यादा सैनिक वर्तमान में भारत की अलग-अलग सेनाओं में नौकरी कर रहे हैं। इतना ही नहीं यहां के जवान ही सबसे ज्यादा शहीद हुए हैं।

धनूरी गांव के सबसे अधिक सैनिक

इसी जिले का एक गांव है धनूरी, जो झुंझुनू जिला मुख्यालय से करीब 14 किलोमीटर दूर है। इस गांव की आबादी 3500 है। और यहां सबसे ज्यादा कायमखानी मुस्लिम परिवार रहते हैं। वर्तमान में इस गांव में 600 ऐसे लोग हैं जो सेना में नौकरी कर चुके हैं। करीब 200 लोग तो वर्तमान में नौकरी में है और 400 से ज्यादा रिटायर हो चुके हैं। इसलिए इस गांव को फौजियों की खान के नाम से भी जाना जाता है।

धनूरी गांव में अब तक शहीद हो चुके हैं 18 बेटे

देश की सीमाओं पर हुए अलग-अलग युद्ध में यहां के कुल 18 बेटे शहीद हो चुके हैं। 1962 में हुए भारत और चीन के युद्, 1965 में हुए भारत और पाकिस्तान के युद्ध, 1971 और 99 में कारगिल की लड़ाई में यहां के 18 बेटे देश की हिफाजत करते-करते शहीद हो गए। यहां सबसे पहले शहीद होने वाले सैनिक का नाम महमूद हसन खान, कुतुबुद्दीन, जफर अली थे। जो 1971 में भारत और पाकिस्तान में हुए युद्ध में शहीद हुए। इनके अलावा मोहम्मद इलियास, मोहम्मद सफी, निजामुद्दीन रमजान,करीम बख्श, अजीमुद्दीन ताज मोहम्मद, इमाम अली,मालाराम सहित अन्य इस गांव के बेटे हैं जो शहीद हो गए।

यह भी पढ़ें : 594 किमी लंबा गंगा एक्सप्रेस वे, सिर्फ 7 घंटे में प्रयागराज से दिल्ली

कश्मीर मुठभेड़ में फिर शहीद हुए दो लाल

झुंझुनू के बेटों की कश्मीर में शहादत होने के बाद अब एक बार फिर इलाके के सैनिकों की शहादत ताजा हो चुकी है। यहां रहने वाले परिवार आज भी कहते हैं कि उन्हें अपने बेटे का दुनिया से चले जाने का तो दुख है लेकिन इस बात की खुशी भी है कि उनके बेटे देश की सेवा करते हुए शहीद हुए।

यह भी पढ़ें : 18 जुलाई को खुलेगा जगन्नाथ पुरी का खजाना, मंदिर में प्रवेश पर रहेगा प्रतिबंध

PREV

राजस्थान की राजनीति, बजट निर्णयों, पर्यटन, शिक्षा-रोजगार और मौसम से जुड़ी सबसे जरूरी खबरें पढ़ें। जयपुर से लेकर जोधपुर और उदयपुर तक की ज़मीनी रिपोर्ट्स और ताज़ा अपडेट्स पाने के लिए Rajasthan News in Hindi सेक्शन फॉलो करें — तेज़ और विश्वसनीय राज्य समाचार सिर्फ Asianet News Hindi पर।

Recommended Stories

जयपुर-बीकानेर हाईवे पर बड़ा हादसा: बस और ट्रक की जोरदार टक्कर, 3 की मौत, 28 घायल
वायरल वीडियो का कमाल-मिल गया 15 साल से लापता 'लाल', पूर्व सैनिक की इमोशनल कहानी