शादियों में फिजूलखर्ची पर रोक लगाने के लिए राजस्थान के मनिहार समाज ने बड़ा निर्णय लिया है। इन नियमों को न मानने वालों के लिए समाज सजा का भी प्रावधान रखेगा।
जयपुर। अब शादी-विवाह में लोग लाखों रुपये खर्च करते हैं। दिखावे और स्टैंडर्ड को मेनटेन करने या दूसरों से खुद को बेहतर दिखाने के लिए जमकर फिजूलखर्ची की जाती है। इस फिजूलखर्ची का विरोध करते हुए राजस्थान के एक समाज ने अनोखी पहल की है। ऐसे में अब इस समाज में होने वाली शादियों में फिजूलखर्ची बिल्कुल भी नहीं होगी। समाज के इस फैसले की सराहना पूरे राजस्थान में हो रही है।
दहेज में कैश और सामान आदि भी नहीं
हम बात कर रहे हैं राजस्थान के सीकर जिले के नेछवा इलाके के रहने वाले मनिहार समाज की। इस समाज के लोगों ने वहां के एक स्थानीय मदरसा में एक मीटिंग आयोजित की जिसमें शादियों में फिजूलखर्ची न करने का निर्णय लिया गया। बैठक में सभी लोगों ने निर्णय किया कि शादियों में लाखों रुपए की नगदी, दहेज के सामान आदि देना बंद किया जाएगा। इससे दहेज प्रथा पर भी लगाम लग सकेगी।
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शगुन के तौर पर एक-दूसरे को 1100 रुपये देंगे
मनिहार समाज ने निर्णय लिया है कि समाज में होने वाली शादियों में महंगे डीजे और आतिशबाजी पर भी पूरी तरह से रोक रहेगी। शगुन के तौर पर दोनों परिवार केवल एक दूसरे को 1100 रुपए देंगे। सादगी के साथ शादी की रस्मे निभाई जाएंगी। इस फैसले पर सभी की सहमति बनी है।
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प्रदेश स्तर की बैठक में रखेंगे प्रस्ताव
अब समाज के लोगों का कहना है कि राजधानी जयपुर में 27 अगस्त को उनकी प्रदेश स्तर की बैठक आयोजित होने वाली है। यह प्रस्ताव उस मीटिंग में भी रखा जाएगा। यदि यह पूरे राजस्थान में लागू होता है तो सभी के लिए लाभदायक होगा। यदि समाज इस निर्णय का ध्यान नहीं रखता तो इसके लिए सजा का भी प्रावधान किया जाएगा।
पहले भी कई समाज ले चुके हैं निर्णय
राजस्थान का यह पहला समाज नहीं है जो शादियों में होने वाली फिजूल खर्ची पर रोक लगा रहा हो। इसके पहले भी प्रदेश में खंडेलवाल, जैन सहित कई अन्य समाज ने भी विवाह उत्सव में होने वाली इस तरह की फिजूलखर्चियों पर रोक लगा चुके हैं।