राजस्थान के नागौर जिले में मुस्लिम समाज ने एक ऐतिहासिक मायरा भरा, जिसकी कुल कीमत 1 करोड़ 38 लाख रुपये थी। इस मायरे में नकदी, सोना, चांदी और खेत शामिल थे। यह परंपरा रिश्तों की गहराई को दर्शाती है।
नागौर। राजस्थान के अजमेर में स्थित विश्व प्रसिद्ध दरगाह का विवाद शुरू हो गया है। विवाद मंदिर को लेकर चल रहा है, लेकिन इस बीच मुस्लिम समाज का एक काम बेहद चर्चा में छा गया है। अजमेर जिले के नजदीक ही नागौर जिले के कुचेरा में मुस्लिम समाज ने गुरुवार को एक ऐतिहासिक मायरा भरा, जो चर्चा का विषय बन गया है।
यह मायरा 1 करोड़ 38 लाख रुपये का था और इसमें 15 तोला सोना, दो किलो चांदी, 21 लाख रुपये नकद और मारवाड़ मूण्डवा में 2 बीघा खेत शामिल थे। यह मायरा कुचेरा के कमलिया तेली मुस्लिम समाज के परिवार ने अपनी बहन रुखसाना तगाला के लिए भरा। रुखसाना के बेटे सिंकदर की शादी के अवसर पर यह मायरा रिश्तों को निभाने के रूप में दिया गया।
दरअसल मायरा एक पुरानी सामाजिक रस्म है, जिसमें पीहर पक्ष की ओर से शादी के मौके पर बहन को शगुन के रूप में गहने, नगदी और अन्य कीमती सामान दिए जाते हैं। यह भारतीय समाज में खासतौर पर हिन्दू और मुस्लिम दोनों समुदायों में एक महत्वपूर्ण परंपरा रही है। मुस्लिम समाज में सामान्यत, मायरा एक साधारण रिवाज के रूप में होता है, लेकिन कुचेरा के खोखर परिवार द्वारा भरे गए मायरे ने इस परंपरा को एक नई दिशा दी है।
खोखर परिवार द्वारा यह मायरा भरे जाने से पूरे क्षेत्र में इसकी चर्चा हो रही है। परिवार के सदस्यों ने बताया कि बहन रुखसाना को समाज के बड़े-बुजुर्गों की उपस्थिति में यह शगुन दिया। इस मायरे में दी गई संपत्ति, नगद राशि और गहनों का मूल्य एक ऐतिहासिक उदाहरण बन गया है।
उल्लेखनीय है कि पिछले साल नागौर जिले के जाट समाज ने भी परिवार की एक शादी में आठ करोड़ रुपये से ज्यादा का मायरा भरा था, जो एक रिकॉर्ड बन चुका है। हालांकि, कुचेरा में भरा गया मायरा भी अपनी विशालता और भव्यता के कारण चर्चित है। यह मायरा न केवल एक परिवार की सामाजिक प्रतिष्ठा को बढ़ाता है, बल्कि यह रिश्तों और परंपराओं के महत्व को भी उजागर करता है। वैसे भी राजस्थान में होने वाली शादियां किसी न किसी कारण से चर्चा में बनी रहती हैं।