
जयपुर। हम देखते हैं कि लकवा जैसी बीमारी की चपेट में आने के बाद आदमी का शरीर काम करना बंद कर देता है। और वह दूसरों पर निर्भर हो जाता है। लेकिन अब राजस्थान में ऐसा नहीं होगा क्योंकि लकवा और मस्कुलर जैसी बीमारी के मरीज के लिए स्पेशल व्हीलचेयर कंट्रोल डिवाइस तैयार की गई है। इसे तैयार किया है जोधपुर के रहने वाले आशीष ने। जिन्होंने साल 2018 में इसे पेटेंट के लिए आवेदन किया और अब इसे पेटेंट मिल चुका है।
अब इस डिवाइस के जरिए मरीज खुद अपने सिर के इशारे से पूरे डिवाइस को कंट्रोल कर सकता है। इस डिवाइस काे चश्मा लगाकर वह सभी काम कर सकता है जो एक स्वस्थ आदमी कर सकता है। यहां तक कि एक जगह से दूसरी जगह तक जाना और अपनी व्हीलचेयर को भी खुद ही चलाना। फिलहाल इसे बेचने के लिहाज से यूरोप और यूएस के मार्केट में उतारा गया है। वहीं हाल ही में इसे ऑस्ट्रेलिया के मेडिकल मार्केट में भी शुरू कर दिया गया है। जल्द ही यह इंडिया में भी शुरू होगी।
आशीष ने बताया कि ऐसे मरीज जिनका खुद के शरीर पर कंट्रोल नहीं होता मतलब वह पैरालिसिस जिसे आम भाषा में लकवा कहते हैं जैसी बीमारियों से पीड़ित होते हैं उन्हें सुविधा देने के लिए यह डिवाइस तैयार की गई है। मरीज चश्मा लगाकर अपनी व्हीलचेयर को अपने हेड मूवमेंट से कंट्रोल कर सकते हैं। इस चश्मे में लगी एक स्क्रीन पर मरीज को डिवाइस के कंट्रोल दिखाई देते हैं। उनमें से किसी को भी सिलेक्ट करने के लिए हेड मूवमेंट ही काम आता है।
डिवाइस में सीट कंट्रोल करना और ड्राइव करना, साथ ही सीट को ऊपर नीचे और दाएं-बाएं करने जैसे विकल्प हैं। इसके साथ ही मरीज को सुविधा देने के लिए एक रोबोटिक हाथ भी लगाया गया है जो कि मरीज को किसी चीज को पकड़ने या पानी पीने के लिए आसानी कर देगा। उसे किसी की भी जरूरत नहीं होगी। इस व्हीलचेयर की अधिकतम स्पीड 12 से 15 किलोमीटर प्रति घंटा है।
यह स्पीड भी हेड मूवमेंट से ही कंट्रोल होगी। यदि कोई इमरजेंसी स्थिति में सेंसर काम नहीं करें और इस व्हीलचेयर का सॉफ्टवेयर फॉल्ट हो जाए तो मरीज के हाथ के पास एक बटन दिया गया है उसे दबाकर इस व्हीलचेयर को बीच में ही रोका जा सकता है।
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