
राजसमंद (राजस्थान). दीपावली, जिसे हम दीवाली के नाम से भी जानते हैं, भारतीय संस्कृति का एक महत्वपूर्ण त्योहार है। यह खुशी, भाईचारे और समृद्धि का प्रतीक है। लोग इस दिन अपने घरों को रोशनी से जगमगाते हैं, मिठाइयाँ बांटते हैं और अपने प्रियजनों के साथ समय बिताते हैं। लेकिन हाल के वर्षों में, इस आनंद के साथ कुछ समस्याएं भी जुड़ने लगी हैं, जैसे पटाखों से होने वाला प्रदूषण और जानवरों को होने वाली परेशानियाँ।
राजसमंद के धोइंदा उपनगर में, धुंधलाज माताजी सेवा समिति ने इस समस्या का समाधान निकालने के लिए एक सराहनीय कदम उठाया है। समिति ने निर्णय लिया है कि दीपोत्सव के पांच दिनों के दौरान सार्वजनिक स्थानों पर पटाखे जलाने पर पाबंदी होगी। यह नियम सभी समाज के प्रतिनिधियों की सहमति से बनाए गए हैं। इसके तहत लोग केवल अपने घरों के बाहर ही पटाखे जला सकेंगे।
इसके साथ ही, जानवरों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए, गांव में जानवरों के पास पटाखे जलाने पर सख्त मनाही की गई है। इस पहल का उद्देश्य न केवल प्रदूषण को कम करना है, बल्कि बेजुबानों को भी परेशानी से बचाना है। समिति के प्रवक्ता भेरूलाल लोढ़ा ने बताया कि इन नियमों का पालन करके समाज में आपसी भाईचारे को बनाए रखा जा सकेगा।
इस पहल का स्वागत स्थानीय समुदाय द्वारा किया जा रहा है। लोग मानते हैं कि इस तरह के नियम न केवल त्योहार के आनंद को सुरक्षित रखते हैं, बल्कि इसके साथ ही पर्यावरण और पशु सुरक्षा को भी सुनिश्चित करते हैं। समिति ने यह भी स्पष्ट किया है कि जो परिवार इन नियमों का उल्लंघन करेंगे, उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। उल्लेखनीय है कि राजस्थान में यह इकलौता इलाका है, जहां पर पटाखे चलाने को लेकर इतनी सख्त नियम बनाए गए हैं।
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