सीकर. राजस्थान के सीकर जिले में एक बहन ने रक्षाबंधन से पहले ही अपने भाई को खो दिया है। पूरे परिवार को अपने घर के चिराग के चले जाने का दु:ख है। लेकिन इस पढ़े लिखे परिवार ने बेटे की मौत के बाद उसके शरीर के अंगों को दान कर दिया, ताकि वे कई लोगों को नया जीवन दे सके।
रक्षाबंधन से पहले खोया भाई
राजस्थान के सीकर जिले में रहने वाली अस्मिता अपने भाई आदित्य को याद करते हुए आंसू नहीं रोक पा रही है। रक्षाबंधन से ठीक पहले उसने अपने इकलौते भाई को खो दिया है, लेकिन उसके बावजूद परिवार में किसी ने आंसू नहीं बहाए हैं। सब अपने मन को सख्त करके बैठे हैं। इस पूरे मामले की सच्चाई आपकी आंखें जरूर नाम कर देगी।
16 साल के बेटे की मौत
दरअसल सीकर जिले में रहने वाले जगदीश प्रसाद के इकलौते बेटे आदित्य के साथ घर में ही बड़ा हादसा हो गया था। छत पर किसी काम से गए आदित्य का पैर फिसला और वह सर के बाल नीचे आ गया। उसे सीकर और जयपुर के अस्पतालों में भर्ती कराया गया, लेकिन बाद में डॉक्टर ने उसे ब्रेन डैड घोषित कर दिया। 16 साल के इकलौते बेटे की इस तरह से मौत पर परिवार में बड़ा दिल दिखाते हुए उसके अंग दान करने का फैसला किया ।
बेटे की किडनी लीवर और हार्ट किया दान
मेडिकल पेशे से जुड़े हुए आदित्य के पिता जगदीश ने परिवार की सहमति से यह कदम उठाया और 16 अगस्त को बेटे के किडनी, लीवर, हार्ट, यकृत और शरीर के अन्य अंग डोनेट कर दिए। इन्हें जयपुर और जोधपुर के अस्पतालों में भेजा गया है।
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11 वीं कक्षा में पढ़ता था भाई
सीकर के डॉक्टर हरलाल फगेलिया ने कहा कि 11वीं में पढ़ने वाला आदित्य स्वस्थ था, लेकिन ब्रेन हेमरेज होने के कारण उसे ब्रेन डेड घोषित किया गया है। उसके सारे अंग स्वस्थ हैं और यह अन्य लोगों को नया जीवन देंगे। आदित्य की बहन अस्मिता ने कहा हमारा आदित्य अब कभी अस्त नहीं होगा, वह अपने प्रकाश से कई लोगों को जीवन देगा। लेकिन यह पहला रक्षाबंधन है, जब वह हमारे साथ नहीं है।
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